टीम इंडिया का लॉर्ड्स में इतिहास दोहराने का सपना एक बार फिर अधूरा रह गया। पांचवें दिन आखिरी सेशन तक चली ज़ोरदार लड़ाई के बाद भारत इंग्लैंड से 22 रन से हार गया। इसी के साथ इंग्लैंड ने 5 मैचों की सीरीज़ में 2-1 की बढ़त बना ली है. भारत को इस मैच में जीत के लिए 193 रन का लक्ष्य मिला था, लेकिन पूरी टीम 170 रन पर ऑल आउट हो गई। आखिरी सेशन तक मुकाबला सांसें थामने वाला रहा, लेकिन जीत अंत में इंग्लैंड के हाथ लगी।
टॉप ऑर्डर ने फिर किया निराश, आखिरी दिन बिखर गया भारत
मैच के पांचवें दिन जब खेल शुरू हुआ तो टीम इंडिया को जीत के लिए 135 रन और बनाने थे, जबकि उसके 6 विकेट बचे थे। केएल राहुल और ऋषभ पंत से उम्मीदें थीं, लेकिन दोनों ही जल्दी पवेलियन लौट गए। तीसरे ओवर में पंत को जोफ्रा आर्चर ने बोल्ड कर दिया, फिर बेन स्टोक्स ने राहुल को LBW आउट कर भारत की कमर तोड़ दी। इसके बाद वॉशिंगटन सुंदर, नीतीश रेड्डी और शार्दूल ठाकुर जैसे बल्लेबाज़ भी संघर्ष नहीं कर सके। भारत ने सिर्फ 82 रन पर 7 विकेट गंवा दिए थे और हार लगभग तय मानी जा रही थी।
जडेजा की जुझारू पारी ने फैंस की उम्मीदें ज़िंदा रखीं
हालांकि जब हार पक्की लग रही थी, तभी रवींद्र जडेजा ने मोर्चा संभाला। उन्होंने पहले बुमराह के साथ 35 रन की साझेदारी की, फिर सिराज के साथ टीम को जीत के और करीब ले गए। जडेजा ने 181 गेंदों में नाबाद 61 रन बनाए और सीरीज़ में अपना चौथा अर्धशतक पूरा किया। दूसरे और तीसरे सेशन में उनकी संयमित बल्लेबाज़ी ने मैच को रोमांचक बना दिया था।
सिराज की दुर्भाग्यपूर्ण आउट ने तोड़ी आखिरी उम्मीद
टीम इंडिया जब सिर्फ 23 रन दूर थी, तभी शोएब बशीर की गेंद पर सिराज बोल्ड हो गए। गेंद ने बैट का किनारा लिया, नीचे गिरी और लुड़कते हुए स्टंप्स पर जा लगी। 170 रन पर आखिरी विकेट गिरते ही भारत का संघर्ष भी खत्म हो गया और इंग्लैंड ने 22 रन से जीत दर्ज कर ली।
1986 की जीत नहीं दोहरा पाया भारत
भारत को इस मैदान पर आखिरी जीत 1986 में मिली थी। तब कपिल देव की कप्तानी में टीम इंडिया ने 134 रन का टारगेट चेज़ कर मैच जीता था। 39 साल बाद लॉर्ड्स में इतिहास दोहराने का सुनहरा मौका था, लेकिन इस बार भी वो जीत हाथ नहीं लगी।