मंडी : हिमाचल प्रदेश में हालिया प्राकृतिक आपदा के बाद बीजेपी सांसद कंगना रनौत रविवार को मंडी के सिराज घाटी स्थित थुनाग क्षेत्र पहुंचीं। यहां उन्होंने आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों से मुलाकात कर शोक संवेदना जताई और राहत कार्यों की समीक्षा की।
हालांकि इससे कंगना के देरी से मंडी पहुंचने पर सोशल मीडिया पर लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। कंगना ने राज्य सरकार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, "अब तक जो भी राहत और सहायता आई है, वह केवल केंद्र सरकार की तरफ से आई है। सेना से लेकर राशन और अन्य मदद भी केंद्र की ही देन है। राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकती।"
गौरतलब है कि सिराज घाटी के थुनाग क्षेत्र में सबसे अधिक तबाही हुई है, जहां बादल फटने की घटना में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अभी भी लापता हैं।
कंगना ने राज्य सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
कंगना ने कहा, "मैं जानती हूं कि मैं क्या काम कर रही हूं, लेकिन यह जो सरकार काम कर रही है, उसके बाद मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस की सरकार यहां दोबारा लौटेगी।" उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार के पास कोई स्पष्ट नेतृत्व नहीं है और कैबिनेट जैसी व्यवस्था न के बराबर है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि “एक सांसद का काम संसद में कानून बनाना होता है, राज्य स्तर के कार्य राज्य सरकार के ही दायरे में आते हैं। लेकिन यहां तो लोग यही उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सांसद ही सड़क बनाए, पुल बनाए। यह भ्रम दूर होना चाहिए।”
केंद्र सरकार से राहत की मांग
कंगना ने कहा कि वह जल्द ही केंद्र सरकार को इस आपदा से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगी और अधिक से अधिक राहत पैकेज की मांग करेंगी। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि इस बार राहत राशि सीधे प्रभावित लोगों तक पहुंचे, न कि केवल सरकारी खातों में जाकर सीमित हो जाए।
"दुख की इस घड़ी में हम लोगों के साथ खड़े हैं"
आपदा से प्रभावित लोगों के प्रति सहानुभूति जताते हुए कंगना ने कहा, “जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई तो संभव नहीं, लेकिन हम उन्हें फिर से अपने पैरों पर खड़ा करने की हरसंभव कोशिश करेंगे। दुख की इस घड़ी में हम उनके साथ हैं।”
200 करोड़ के प्रोजेक्ट का जिक्र
सांसद कंगना रनौत ने कहा कि वह पहले भी लाहौल-स्पीति को 200 करोड़ रुपये के विकास प्रोजेक्ट दे चुकी हैं और भविष्य में मंडी सहित अन्य प्रभावित क्षेत्रों के लिए भी केंद्र से योजनाएं स्वीकृत करवाएंगी।