कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेरिकी ‘ ट्रेडिंग ' कंपनी ‘ जेन स्ट्रीट ' से जुड़े मामले को लेकर सोमवार को आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने आम निवेशकों को बर्बादी के कगार पर धकेल दिया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने यह सवाल भी किया कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) सेबी इतने समय तक चुप क्यों रही और क्या सरकार किसी के इशारे पर आंखें मूंदे बैठी थी ? बाजार नियामक सेबी ने बीते चार जुलाई को अमेरिकी ‘ ट्रेडिंग ' कंपनी जेन स्ट्रीट को प्रतिभूति बाजारों से प्रतिबंधित कर दिया और कंपनी को 4,843 करोड़ रुपये के अवैध लाभ को वापस करने का निर्देश दिया।
कंपनी पर सूचकांक विकल्पों में भारी मुनाफा कमाने के लिए समाप्ति के दिनों में सूचकांक स्तर में कथित रूप से हेरफेर करने का आरोप है। राहुल गांधी ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘मैंने 2024 में साफ कहा था कि वायदा एवं विकल्प (एफ एंड ओ) बाज़ार 'बड़े खिलाड़ियों' का खेल बन चुका है, और छोटे निवेशकों की जेब लगातार कट रही है। अब सेबी खुद मान रहा है कि ‘जेन स्ट्रीट' ने हज़ारों करोड़ रूपये की हेरफेर की।''
उन्होंने सवाल किया कि सेबी इतने समय तक चुप क्यों रही, क्या मोदी सरकार किसी के इशारे पर आंखें मूंदे बैठी थी और कितने बड़े ‘‘शार्क'' अब भी खुदरा निवेशकों को ‘शॉर्ट' (कमजोर) कर रहे हैं? कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘हर मामले में साफ दिख रहा है कि मोदी सरकार अमीरों को और अमीर बना रही है और उसने आम निवेशकों को बर्बादी के कगार पर धकेल दिया है।''