दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंचने के बाद गुरुग्राम प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। रविवार को जिले में ग्रैप-4 (GRAP-IV) के नियम लागू कर दिए गए हैं। जहरीली हवा से लोगों को बचाने और सड़कों पर वाहनों का दबाव कम करने के लिए प्रशासन ने कामकाज के तरीकों में बड़े बदलाव किए हैं। गुरुग्राम के उपायुक्त (DC) अजय कुमार ने निर्देश जारी कर सभी निजी संस्थानों और कॉरपोरेट ऑफिसों से अपील की है कि वे 22 दिसंबर (आज) से अपने कर्मचारियों को 'वर्क फ्रॉम होम' (WFH) की सुविधा दें।
GRAP-IV लागू होने के बाद क्या बदले नियम?
कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पूरे एनसीआर में ग्रैप के चौथे चरण को लागू करने की एडवाइजरी जारी की थी। इसी के तहत गुरुग्राम में ये फैसले लिए गए हैं:
50% स्टाफ की उपस्थिति: स्टेज-4 के नियमों के अनुसार सरकारी और निजी दफ्तरों में केवल 50% कर्मचारियों को ही ऑफिस बुलाने की सलाह दी गई है जबकि शेष 50% घर से काम करेंगे।
प्राइवेट कंपनियों को निर्देश: डीसी ने कॉरपोरेट कंपनियों से कहा है कि जब तक प्रदूषण की स्थिति में सुधार नहीं होता और अगला आदेश नहीं आता तब तक वर्क फ्रॉम होम व्यवस्था जारी रखें।
सरकारी दफ्तरों की नई टाइमिंग: प्रदूषण और ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए सरकारी कार्यालयों के समय में भी बदलाव किया गया है। अब सभी सरकारी विभाग सुबह 9:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुलेंगे।
क्यों जरूरी है यह कदम?
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के गंभीर (Severe Plus) स्तर पर पहुंचने से बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। वर्क फ्रॉम होम से सड़कों पर निजी गाड़ियां कम निकलेंगी जिससे वाहनों से होने वाला प्रदूषण घटेगा। लंबे समय तक जहरीली हवा के संपर्क में रहने से सांस की बीमारियां बढ़ रही हैं ऑफिस न जाने से कर्मचारी सुरक्षित रहेंगे।
GRAP-4 में अन्य पाबंदियां
जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों के अलावा अन्य भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक।
निर्माण और तोड़फोड़ (Construction & Demolition) के कार्यों पर पूरी तरह प्रतिबंध।
डीजल से चलने वाले मध्यम और भारी माल वाहनों (BS-IV से पुराने) पर पाबंदी।