नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने भारतीय शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और डिजिटलीकरण (Digitization) को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब कक्षा 9वीं से 12वीं तक के सभी छात्रों के लिए 'अपर आईडी (APAAR ID)' बनवाना अनिवार्य कर दिया गया है। यह फैसला 'वन नेशन, वन स्टूडेंट ID' (One Nation, One Student ID) योजना के तहत लिया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों की सभी शैक्षणिक जानकारियों (Academic Information) को एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म (Digital Platform) पर सुरक्षित रखना है।
क्या है APAAR ID?
अपर आईडी (APAAR ID) का पूरा नाम ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (Automated Permanent Academic Account Registry) है। यह 12 अंकों का एक खास डिजिटल पहचान नंबर है, जो हर छात्र को मिलेगा। इस आईडी से छात्रों के स्कूल रिकॉर्ड (School Record), मार्कशीट (Marksheet), सर्टिफिकेट (Certificate) और अन्य सभी एकेडमिक डॉक्यूमेंट्स (Academic Documents) को डिजिटल रूप से सुरक्षित रखा जाएगा । यह आईडी छात्र के पूरे शैक्षणिक सफर में काम आएगी और आजीवन वैध (Lifetime Valid) रहेगी।
क्यों जरूरी है APAAR ID?
अपर आईडी कई मायनों में छात्रों और शिक्षा व्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है:
1. रिकॉर्ड का सही और अपडेटेड होना: यह आईडी छात्रों के सभी एकेडमिक डेटा (Academic Data) को सही और अपडेटेड रखने में मदद करेगी, जिससे जानकारियों की डुप्लीकेशन (Duplication) या गलती होने की संभावना खत्म हो जाएगी।
2. फर्जीवाड़े पर रोक: यह यूनिक डिजिटल पहचान फर्जी डॉक्यूमेंट्स (Fake Documents) और डेटा में गड़बड़ी जैसी समस्याओं को भी रोकेगी ।
3. प्लेटफॉर्म से जुड़ाव: यह डिजीलॉकर (DigiLocker) और एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (Academic Bank of Credits - ABC) जैसे प्लेटफॉर्म से आसानी से जुड़ सकेगी, जिससे छात्रों के लिए अपने डॉक्यूमेंट्स का उपयोग करना आसान होगा।
4. नई शिक्षा नीति को बढ़ावा: सीबीएसई का यह कदम नई शिक्षा नीति (New Education Policy) और 'डिजिटल इंडिया' (Digital India) के विजन को मजबूत करेगा, जिसका उद्देश्य हर छात्र को आसानी से उपलब्ध डिजिटल शैक्षणिक रिकॉर्ड देना है ।
कब से होगी अनिवार्य?
सीबीएसई ने निर्देश दिया है कि 2026 से 9वीं और 11वीं कक्षा के रजिस्ट्रेशन (Registration) और 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा (Board Exam) में शामिल होने के लिए अपर आईडी देना अनिवार्य होगा। स्कूलों को यूडीआईएसई+ पोर्टल (UDISE+ Portal) पर यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्रों का रजिस्ट्रेशन होने से पहले उनकी अपर आईडी बन चुकी है।
यह कदम शिक्षा में डिजिटल प्रक्रिया को तेज करेगा और छात्रों के रिकॉर्ड को संभालना अधिक आसान और पारदर्शी बना देगा।