नई दिल्ली : देश के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले परिसर, भारतीय संसद भवन, की सुरक्षा में एक बार फिर बड़ी चूक का मामला सामने आया है। आज, शुक्रवार सुबह करीब 6:30 बजे, एक अज्ञात शख्स रेल भवन की तरफ से पेड़ के सहारे संसद की दीवार फांदकर अंदर घुस गया। वह गरुड़ द्वार तक पहुंच गया था, तभी वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उसे दबोच लिया। यह घटना संसद का मानसून सत्र समाप्त होने के ठीक अगले दिन हुई है, जिसने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कैसे हुई यह बड़ी चूक?
सूत्रों के अनुसार, आरोपी शख्स ने संसद परिसर में घुसने के लिए एक पेड़ का सहारा लिया। वह संसद भवन परिसर से लगे एक पेड़ पर चढ़ा, और फिर वहां से दीवार पर कूदकर अंदर आ गया। हालांकि, अंदर घुसते ही सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया। फिलहाल, आरोपी से संसद की सुरक्षा में लगी टीम ही पूछताछ कर रही है। उसकी पहचान और संसद में घुसने के मकसद का पता लगाया जा रहा है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि जब आरोपी को उन्हें सौंपा जाएगा, तब वे अपनी जांच शुरू करेंगे।
जब-जब हुई संसद की सुरक्षा में सेंध
यह पहली बार नहीं है जब संसद की सुरक्षा में सेंध लगी है। भारतीय संसद के इतिहास में पहले भी कई गंभीर घटनाएं हो चुकी हैं।
1. 2023 का स्मोक कैन हमला
1. क्या हुआ था: 13 दिसंबर, 2023 को, संसद पर आतंकी हमले की बरसी के दिन, दो युवक (सागर शर्मा और मनोरंजन) लोकसभा की दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए थे और जूतों में छिपाए गए स्मोक कैन से रंगीन धुआं फैला दिया था।
2. क्या हुई थी कार्रवाई: इस घटना के मास्टरमाइंड ललित झा समेत सभी 6 आरोपियों को UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया था। लोकसभा के 8 सुरक्षाकर्मियों को निलंबित किया गया था और संसद की सुरक्षा CISF को सौंप दी गई थी।
2. 2001 का आतंकी हमला
1. क्या हुआ था: 13 दिसंबर, 2001 को जैश-ए-मोहम्मद के 5 हथियारबंद आतंकी गृह मंत्रालय की फर्जी गाड़ी का इस्तेमाल कर संसद में घुस गए थे।
2. कितना हुआ था नुकसान: सुरक्षाबलों ने सभी पांचों आतंकियों को मार गिराया था, लेकिन इस हमले में दिल्ली पुलिस के 5 जवानों समेत कुल 9 लोग शहीद हो गए थे।
3. 1974 की घटना
1. क्या हुआ था: 11 अप्रैल, 1974 को प्रेम पाल सिंह नामक एक व्यक्ति दर्शक दीर्घा से कूदकर तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव तक पहुंच गया था और नारेबाजी करने लगा था।
सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
2023 की घटना के बाद संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस से लेकर CISF को सौंप दी गई थी और कई बड़े बदलाव किए गए थे। इसके बावजूद आज हुई इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि देश की सबसे महत्वपूर्ण इमारत की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हो सकती है? विपक्ष भी इस मुद्दे पर लगातार सरकार को घेरता रहा है और गृह मंत्री से बयान की मांग करता रहा है।