बांग्लादेश में अवामी लीग नेताओं की हिरासत में मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामले में अवामी लीग के एक और नेता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई है। स्थानीय मीडिया और जेल अधिकारियों के अनुसार, 43 वर्षीय वासिकुर रहमान बाबू की मौत उस समय हुई जब उन्हें गाजीपुर जिले की काशीमपुर सेंट्रल जेल से पुलिस रिमांड के लिए स्थानांतरित किया जा रहा था। मृतक वासिकुर रहमान बाबू गोपालगंज जिले के टुंगिपाड़ा उपजिला के रहने वाले थे और ढाका के बड्डा थाना अवामी लीग में युवा एवं खेल सचिव के पद पर कार्यरत थे। काशीमपुर सेंट्रल जेल-2 के अधीक्षक अल मामुन ने दावा किया कि बाबू की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई।
जेल प्रशासन के अनुसार, रविवार दोपहर पुलिस की एक टीम बाबू को पूछताछ के लिए अपनी हिरासत में लेने जेल पहुंची थी। औपचारिक हैंडओवर प्रक्रिया के दौरान बाबू जेल के एडमिशन विंग में एक कुर्सी पर बैठे थे। इसी दौरान वह अचानक कुर्सी से गिर पड़े और बेहोश हो गए। बांग्लादेश के प्रमुख अखबार डेली स्टार के मुताबिक, बाबू को तुरंत गाजीपुर स्थित शहीद ताजुद्दीन अहमद मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां इमरजेंसी विभाग के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जेल अधिकारियों ने बताया कि बाबू को 24 सितंबर को देश के आतंकवाद निरोधक कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था। उन पर ढाका के पंथपथ इलाके में एक जुलूस में कथित रूप से शामिल होने का आरोप था। गिरफ्तारी के तीन दिन बाद उन्हें काशीमपुर सेंट्रल जेल-2 भेजा गया था। बाद में अदालत ने तीन दिन की पुलिस रिमांड को मंजूरी दी थी।
यह घटना ऐसे समय सामने आई है, जब पिछले सप्ताह अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी ने पुलिस को अवामी लीग के सदस्यों को बिना यह जांचे कि उनके खिलाफ मामला दर्ज है या नहीं, मौके पर ही गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे। मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत अवामी लीग नेताओं पर कार्रवाई तेज होने के आरोप लगातार लग रहे हैं। अवामी लीग ने यूनुस सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि देश को “लाशों का डंपिंग ग्राउंड” बनाया जा रहा है। पार्टी का आरोप है कि अवामी लीग नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्याएं एक पूर्व नियोजित ब्लूप्रिंट के तहत की जा रही हैं और उन्हें चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है। गौरतलब है कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई शेख हसीना सरकार के हटने के बाद से बांग्लादेश में व्यापक हिंसा फैल गई है। देशभर में अवामी लीग के दफ्तरों और नेताओं के घरों पर आगजनी और हमलों की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे कानून-व्यवस्था और मानवाधिकारों को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।