बांग्लादेश में 'जुलाई विद्रोह' के चर्चित चेहरे और इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी के निधन के बाद पूरे देश में हिंसा की आग फैल गई है। 19 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान हादी की मौत हो गई, जिसके बाद गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने ढाका और चटगांव समेत कई शहरों में जमकर उत्पात मचाया। इस अशांति के बीच खुलना में एक पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि चटगांव में Indian Assistant High Commission के बाहर हुई झड़प में पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए। बिगड़ते हालातों को देखते हुए भारत सरकार ने वहां रह रहे अपने नागरिकों के लिए सुरक्षा चेतावनी (Advisory) जारी की है। आइए डिटेल में जानते हैं पूरा मामला-
आखिर क्या है पूरी घटना?
जानकारी के लिए बता दें कि पिछले हफ्ते ढाका में अज्ञात हमलावरों ने हादी के सिर में गोली मार दी थी। गंभीर स्थिति में उन्हें सिंगापुर ले जाया गया, जहाँ गुरुवार रात उन्होंने दम तोड़ दिया। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने इसे राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति बताया और एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की। हादी की मौत की खबर फैलते ही प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। ढाका में भीड़ ने देश के प्रमुख अखबारों के दफ्तरों में तोड़फोड़ की और आगजनी की कोशिश की।
पत्रकार की हत्या
हिंसा की सबसे दुखद खबर खुलना से आई, जहां शालुआ प्रेस क्लब के अध्यक्ष इमदादुल हक मिलन की सरेआम हत्या कर दी गई। मिलन एक चाय की दुकान पर बैठे थे, तभी मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उन पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं। चटगांव में प्रदर्शनकारियों ने भारतीय सहायक उच्चायोग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान भीड़ हिंसक हो गई और कार्यालय परिसर पर पथराव किया गया। स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास में दो पुलिसकर्मियों समेत चार लोग घायल हो गए।
भारत सरकार ने जारी की एडवाइजरी
बांग्लादेश में लगातार बढ़ती हिंसा और भारतीय मिशनों को निशाना बनाए जाने के बाद, ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग ने एक आधिकारिक नोटिस जारी किया है। इसमें बांग्लादेश में रह रहे भारतीय समुदाय और छात्रों को सलाह दी गई है कि वे:
स्थानीय यात्राओं से पूरी तरह बचें।
भीड़भाड़ वाले इलाकों और प्रदर्शन वाली जगहों से दूर रहें।
अत्यधिक आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलें।