देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके इस वक्त कुदरत और प्रदूषण की दोहरी मार झेल रहे हैं। घने कोहरे (Dense Fog) और जहरीली हवा के चलते मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। 19 दिसंबर की सुबह आलम यह रहा कि कई जगहों पर दृश्यता (Visibility) 100 मीटर से भी कम रह गई जिससे सड़कों पर गाड़ियां रेंगती नजर आईं।
शून्य के करीब विजिबिलिटी और ट्रैफिक पर असर
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार दिल्ली के पालम और सफदरजंग जैसे इलाकों में कोहरा इतना घना था कि सामने की चीजें देखना नामुमकिन सा हो गया। विजिबिलिटी कम होने की वजह से हवाई उड़ानों, लंबी दूरी की ट्रेनों और सड़क यातायात पर बुरा असर पड़ा है। मौसम विभाग ने सुबह 5 बजे से 8 बजे तक के समय को सबसे संवेदनशील बताया है और लोगों को सावधानी से वाहन चलाने की सलाह दी है।
सीजन का सबसे ठंडा दिन और गिरता पारा
बुधवार (18 दिसंबर) दिल्ली के लिए इस सीजन का सबसे ठंडा दिन साबित हुआ। अधिकतम तापमान गिरकर 20.1°C पर आ गया जो सामान्य से 2 डिग्री कम है। महज 24 घंटे के भीतर अधिकतम तापमान में 4 डिग्री से ज्यादा की भारी गिरावट दर्ज की गई। रात का पारा 9°C तक लुढ़क गया है जिससे ठिठुरन बढ़ गई है।
दमघोंटू हवा: 14 इलाकों में AQI 400 पार
कोहरे के साथ प्रदूषण के मिल जाने से दिल्ली की हवा 'बेहद खराब' और 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई है। दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 346 रहा। दिल्ली के 14 इलाकों में प्रदूषण का स्तर 400 (Severe) के पार चला गया। पटपड़गंज में तो यह आंकड़ा 470 तक पहुंच गया है। हवा की धीमी रफ्तार और नमी के कारण प्रदूषक कण (Pollutants) जमीन के करीब ही जम गए हैं जिससे स्मॉग की मोटी चादर बन गई है।
अगले 3 दिनों का पूर्वानुमान
आने वाले दिनों में राहत मिलने की उम्मीद कम ही दिख रही है:
- अलर्ट: विभाग ने 21 और 22 दिसंबर के लिए भी येलो अलर्ट जारी किया है।
- वेस्टर्न डिस्टर्बेंस: 20 से 22 दिसंबर के बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है, जिससे पहाड़ों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों (पंजाब, हरियाणा, राजस्थान) में हल्की बारिश हो सकती है।
- कड़ाके की ठंड: 22 दिसंबर के बाद बादलों के हटते ही दिल्ली के तापमान में और भी तेजी से गिरावट आने का अनुमान है।