अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नया बयान रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर हलचल मचाने वाला है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात के कुछ ही घंटे बाद ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा कि यूक्रेन फिर उठ खड़ा होगा। उसे बहुत जमीन मिलेगी। ट्रंप का यह दावा सीधे-सीधे संकेत देता है कि ट्रंप किसी लैंड स्वैप फार्मूले पर काम कर रहे हैं। ट्रंप से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने जेलेंस्की समेत अन्य नेताओं से लैंड स्वैप पर बातचीत की है, तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए संकेत दिया कि यूक्रेन को भारी भरकम जमीन वापस मिल सकती है।
उनका कहना था कि यह युद्ध था और रूस एक ताकतवर मिलिटरी नेशन है, चाहे कोई माने या न माने। बता दें कि लैंड स्वैप यानी जमीन के बदले जमीन का सौदा। आसान भाषा में कहें तो एक देश अगर अपनी कोई जमीन खो देता है, तो बदले में उसे दूसरी जमीन मिल सकती है। यूक्रेन के लिहाज से देखें तो इसका मतलब हो सकता है कि रूस के कब्जे वाले कुछ हिस्सों को यूक्रेन छोड़ दे और बदले में पश्चिमी देशों या किसी अंतरराष्ट्रीय समझौते के तहत उसे नई जमीन मिले।
ट्रंप-जेलेंस्की की मीटिंग के बाद पुतिन के तेवर और सख्त
एजेंसियां — मास्को
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की मुलाकात के चंद घंटों बाद रूस ने अपना रुख और सख्त कर लिया है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने साफ कहा कि जब तक रूस की सुरक्षा चिंताओं और यूक्रेन में रहने वाले रूसी और रूसी भाषी नागरिकों के अधिकारों का सम्मान नहीं होगा, तब तक कोई समझौता नहीं हो सकता। लावरोव ने कहा कि रूस को सुरक्षा की गारंटी चाहिए। यूक्रेन में रहने वाले रूसी नागरिकों के अधिकारों का सम्मान होना चाहिए। इसके बिना किसी भी स्थायी समझौते की बात नहीं की जा सकती। उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब पश्चिमी देश ट्रंप-जेलेंस्की वार्ता को शांति वार्ता की दिशा में एक सकारात्मक कदम बता रहे हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, रूस की यह सख्त शर्तें किसी भी संभावित शांति समझौते को मुश्किल बना सकती हैं। वहीं यूक्रेन का कहना है कि वह अपनी संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा।
रूसी तेल खरीदकर मोटा मुनाफा कमा रहा भारत
भारत पर 50 फीसदी शुल्क लगा चुके अमरीका का कहना है कि रूसी तेल की खरीद के मामले में चीन की स्थिति अलग है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सरकार में वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने मंगलवार को कहा है कि रूसी तेल खरीदकर भारत मोटा मुनाफा कमा रहा है। भारत ने पहले भी कहा है कि उसे रूसी तेल खरीदने के कारण अमरीका और यूरोपीय संघ की तरफ से निशाना बनाया जा रहा है। बेसेंट ने कहा है कि भारत ने यूक्रेन युद्ध के दौरान रूसी तेल बेचकर काफी मुनाफा कमाया है। उन्होंने कहा कि यह… भारतीय मध्यस्थता यानी सस्ता रूसी तेल खरीदना और एक उत्पाद के रूप में दोबारा बेचना युद्ध के दौरान ही शुरू हुआ, जो बिलकुल अस्वीकार्य है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत का रूसी तेल खरीदना ‘अमीर भारतीय परिवारों’ को फायदा पहुंचा रहा है।