15 अगस्त 1995 को शुरू किया गया राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) पूरी तरह से वित्त पोषित केंद्र प्रायोजित योजना है जो गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रहने वाले व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित यह कार्यक्रम ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में संचालित होता है, जो संविधान में निहित राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। एनएसएपी में वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांगजन पेंशन, पारिवारिक लाभ और अन्नपूर्णा के माध्यम से उन लाभार्थियों के लिए खाद्य सुरक्षा शामिल है जो वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत पात्र हैं, लेकिन उन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा है।
एनएसएपी 3.09 करोड़ लाभार्थियों को लाभ प्रदान करता है, जिसमें प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के लिए लाभार्थियों की संख्या की योजनावार सीमा/सीमा निर्धारित है। इनमें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (आईजीएनओएपीएस) के तहत 221 लाख बुजुर्ग, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (आईजीएनडब्ल्यूपीएस) के तहत 67 लाख लाभार्थी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्त पेंशन योजना (आईजीएनडीपीएस) के तहत 8.33 लाख से अधिक लाभार्थी, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना (एनएफबीएस) के तहत 3.5 लाख और अन्नपूर्णा योजना के तहत 8.31 लाख लाभार्थी शामिल हैं।
एनएसएपी के उद्देश्य
सबसे कमजोर श्रेणी के नागरिकों जैसे वृद्ध, विधवा और दिव्यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा सहायता का बुनियादी स्तर प्रदान करना।
एनएसएपी के अंतर्गत योजनाओं की विशेषताएं
चयन: ग्राम पंचायतें और नगर पालिकाएं विभिन्न एनएसएपी योजनाओं के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों की पहचान करने में सक्रिय भूमिका निभाती हैं।
संवितरण: लाभ डीबीटी मोड (94 प्रतिशत) यानी लाभार्थी के बैंक या डाकघर बचत खातों के माध्यम से या डाक मनीऑर्डर के माध्यम से प्रदान किए जाते हैं। योजना के दिशानिर्देशों में उन गंभीर मामलों में घर पर नकद राशि के माध्यम से भुगतान की भी अनुमति दी गई है, जहां लाभार्थी पेंशन प्राप्त करने के लिए बैंक/डाकघर जाने में असमर्थ है।
निगरानी: राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किसी भी राज्य सरकार के विभाग के माध्यम से योजनाओं को क्रियान्वित करने की छूट है, लेकिन प्रत्येक को कार्यान्वयन की निगरानी और संबंधित विभागों के साथ समन्वय के लिए राज्य स्तर पर एक नोडल सचिव की नियुक्ति करनी होगी। प्रगति की रिपोर्ट प्रत्येक तिमाही के बाद वाले महीने की 15 तारीख तक निर्धारित प्रारूप में तिमाही आधार पर दी जानी चाहिए। प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत न करने को प्रगति की कमी माना जाता है और इसके परिणामस्वरूप वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही के लिए अतिरिक्त केंद्रीय सहायता जारी नहीं की जा सकती है।
एनएसएपी के घटक
वर्तमान में एनएसएपी में पांच उप-योजनाएं शामिल हैं –
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (आईजीएनओएपीएस)
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (आईजीएनडब्ल्यूपीएस)
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्त पेंशन योजना (आईजीएनडीपीएस)
- राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना (एनएफबीएस)
- अन्नपूर्णा योजना
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (आईजीएनओएपीएस)
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना भारत सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के बुजुर्ग नागरिकों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना के तहत 60 से 79 वर्ष की आयु के व्यक्तियों को केन्द्र सरकार से 200 रुपये प्रति माह मिलते हैं, जबकि 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को 500 रुपये प्रति माह प्रदान किए जाते हैं।
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों के अनुसार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्रीय हिस्से के पूरक के रूप में समकक्ष या उससे अधिक राशि का योगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह अतिरिक्त सहायता यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि लाभार्थियों को उचित और सम्मानजनक आय प्राप्त हो। वर्तमान में, वृद्धावस्था पेंशन घटक के अंतर्गत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रदान की जाने वाली टॉप-अप राशि 50 रुपये से लेकर 5700 रुपये प्रति माह तक है, जिसके कारण कई राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में औसत पेंशन लगभग 1100 रुपये है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (आईजीएनडब्ल्यूपीएस)
इस योजना के अंतर्गत, 40 से 79 वर्ष की आयु की विधवाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जो भारत सरकार द्वारा चिन्हित गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों से संबंधित हैं। इस आयु वर्ग के प्रत्येक पात्र लाभार्थी को केन्द्रीय सहायता के रूप में 300 रुपये प्रति माह मिलते हैं। 80 वर्ष या उससे अधिक आयु की विधवाओं के लिए केन्द्रीय सहायता की राशि 500 रुपये प्रति माह है, जो उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्त पेंशन योजना (आईजीएनडीपीएस)
वर्ष 2024-25 के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्त पेंशन योजना योजना (आईजीएनडीपीएस) के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कुल 243.74 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। यह योजना 18 से 79 वर्ष की आयु के उन व्यक्तियों को लाभ प्रदान करती है, जो गंभीर या बहु दिव्यांगताओं से ग्रस्त हैं और गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों से संबंधित हैं। लाभार्थी 300 रुपये प्रति माह की केन्द्रीय सहायता के पात्र हैं। 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के लाभार्थियों को 500 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं, जिससे उन्हें सम्मान के साथ अपनी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करने के लिए निरंतर वित्तीय सहायता सुनिश्चित होती है।
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना (एनएफबीएस)
इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले एक परिवार के ‘मुखिया’ मुख्य कमाने वाले सदस्य की मृत्यु की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में एकमुश्त वित्तीय सहायता के लिए पात्र हो जाता है, बशर्ते मृतक की आयु 18 से 59 वर्ष के बीच हो। परिवार को इस नुकसान से उत्पन्न होने वाली तत्काल वित्तीय कठिनाइयों से निपटने में मदद करने के लिए 20,000 रुपये की सहायता प्राप्त होती है।
अन्नपूर्णा योजना
इस योजना के तहत उन वरिष्ठ नागरिकों को प्रति माह 10 किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त दिया जाता है, जो इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (आईजीएनओएपीएस) के तहत पात्र होते हुए भी वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त नहीं कर रहे हैं।
बजटीय आवंटन
वर्ष 2025-26 के लिए राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के लिए बजट आवंटन 9,652 करोड़ रुपये है।
वर्ष 2025-26 के लिए एनएसएपी के घटकों के तहत आवंटित बजट:
| क्रम संख्या |
घटक (योजना का नाम) |
बजट 2025-26 (करोड़ रुपये में) |
| 1 |
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (IGNOAPS) |
6,645.90 |
| 2 |
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (IGNWPS) |
2,026.99 |
| 3 |
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना (NFBS) |
659.00 |
| 4 |
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्त पेंशन योजना (IGNDPS) |
290.00 |
| 5 |
अन्नपूर्णा योजना |
10.00 |
| 6 |
प्रबंधन प्रकोष्ठ |
20.11 |
| कुल |
— |
9,652.00 |
लाभार्थियों के विवरण का डिजिटलीकरण
सभी संभावित लाभार्थियों का विवरण अब पूरी तरह से डिजिटल कर दिया गया है, जिसमें उनके नाम, पते, पेंशन वितरण मोड का विकल्प, बैंक खाते की जानकारी, आधार संख्या और मोबाइल नंबर (जहां भी उपलब्ध हो) शामिल हैं।
अब तक एनएसएपी के अंतर्गत 2.5 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के आधार नंबर उनके खाते से लिंक हो चुके हैं, जिससे लाभों का सुरक्षित और सीधा हस्तांतरण सुनिश्चित हो रहा है। यह जानकारी जनता के लिए आधिकारिक एनएसएपी पोर्टल www.nsap.nic.in पर उपलब्ध है।
डिजिटल पहल ने यह सुनिश्चित किया है कि आधार ऑथेंटिकेशन और सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) एकीकरण के साथ पेंशन सीधे पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की जाए, जिससे फर्जी प्रविष्टियों को खत्म करने और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में मदद मिले।
माननीय ग्रामीण विकास मंत्री द्वारा 15 जुलाई, 2025 को एनएसएपी पेंशन लाभार्थियों के डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेशन (डीएलसी) के लिए आधार आधारित मोबाइल एप्लिकेशन शुरू किया गया है। डीएलसी आवेदन से लाभार्थियों के वार्षिक जीवन सत्यापन की प्रक्रिया आसान हो जाएगी, जो अब तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा मैन्युअल रूप से किए जा रहे थे।
सारांश
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम भारत की सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में कार्य करता है, जो जरूरतमंद नागरिकों को आवश्यक सहायता प्रदान करता है। अपने विभिन्न घटकों-इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्त पेंशन योजना, अन्नपूर्णा योजना और राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना के माध्यम से, कार्यक्रम यह सुनिश्चित करता है कि बुजुर्ग नागरिक, विधवा, दिव्यांग व्यक्तियों और परिवार के मुख्य कमाने वाले सदस्य को खोने वाले परिवारों को नियमित वित्तीय सहायता और खाद्य सुरक्षा मिले। आधार ऑथेंटिकेशन को एकीकृत करके और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण को बढ़ावा देकर, एनएसएपी ने पारदर्शिता में सुधार किया है, धोखाधड़ी को कम किया है और लाखों लाभार्थियों तक कल्याणकारी योजनाओं के वितरण को मजबूत किया है। सामूहिक रूप से, ये उपाय महत्वपूर्ण वित्तीय राहत प्रदान करते हैं और देश भर में एक अधिक समावेशी और समान सामाजिक सुरक्षा में योगदान देते हैं।