सिरसा (सतीश बंसल) : भारतीय किसान एकता बीकेई प्रदेशाध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने बताया कि हरियाणा किसान मजदूर संघर्ष मोर्चे के आह्वान पर हरियाणा के सभी जिलों में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया गया व किसानों-मजदूरों की मांगों का हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्तों को ज्ञापन सौंपा गया। सिरसा में भारतीय किसान एकता बीकेई व पगड़ी संभाल जट्टा (किसान संघर्ष समिति) की ओर से किसान शहीद भगत सिंह स्टेडियम, बरनाला रोड में इक_े हुए और किसानों, सैनिकों, पहलवानों की आवाज पूर्व गवर्नर स्वर्गीय सत्यपाल मलिक को श्रद्धांजलि दी गई। औलख ने कहा कि सत्यपाल मलिक विधानसभा, लोकसभा, राज्यसभा और पांच बार गवर्नर रहे। उन्हें अपने समाज, किसानों, खिलाडिय़ों और सैनिकों की आखिरी सांस तक चिंता थी। पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक को श्रद्धांजलि देने के उपरांत किसान मार्च करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे वहां पर किसान नेताओं ने अपनी बात रखी।
औलख ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में आकर फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करने जा रहे हैं। इस समझौते से किसान, मजदूर, छोटा व्यापारी, डेयरी व्यवसाय के साथ-साथ किसानी से जुड़े हुए सभी व्यापार बर्बाद हो जाएंगे, लेकिन लंबे समय के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के बारे में अपनी चुप्पी तोड़ी है और विश्वास दिलाया है कि वह अमेरिका के दबाव में आकर किसानों को बर्बाद नहीं करेंगे। उम्मीद करते हैं कि वह अपनी बातों पर खरे उतरें। किसानों व मजदूरों की मांगों को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम उपयुक्त को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें भारी बरसात से हुए जल भराव, फसलों की खराबे की स्पेशल गिरदावरी करवा कर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए, किसानों को समय पर यूरिया व डीएपी खाद की उपलब्धता, नकली खाद, बीज, बायोफर्टिलाइजर पर नकेल कसने के लिए तत्काल प्रभाव से संशोधन किया गया एक्ट लागू किया जाए, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार किया जाए, किसानों का बैंक खातों से जबरन बीमा प्रीमियम काटना बंद किया जाए, बकाया बीमा क्लेम जारी किया जाए, नहरों में दो सप्ताह पानी की सप्लाई और एक सप्ताह बंदी वाला पुराना शेड्यूल बहाल किया जाए, सभी टेलों तक पानी पहुंचाया जाए, किसानों को पोर्टल प्रथा से आजाद किया जाए क्योंकि शातिर व अपराधिक प्रवृत्ति के लोग मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर किसानों की फसल का पंजीकरण राजस्व विभाग से मिलकर धोखे से अपने नाम करवा लेते हैं।
धान की सरकारी खरीद 15 सितंबर से शुरू की जाए, बासमती धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारण करके सरकारी खरीद सुनिश्चित की जाए, परमल धान पर नमी के नाम पर अनावश्यक लगने वाला काट बंद की जाए, अनाज मंडियों में फसल की तुलाई पारदर्शिता से हो, मंडियों के बाहर फसलों के तुलाई, सुखाई, उतराई, झराई संबंधित सभी खर्चों का विवरण फ्लेक्स बोर्ड लगाकर प्रदर्शित किया जाए, नए ट्यूबल कनेक्शन पर काडा रिपोर्ट की अनिवार्यता समाप्त की जाए, 2025 बिजली शोध बिल को रद्द किया जाए, उपभोक्ताओं की लूट के लिए लगने जा रहे स्मार्ट मीटर की योजना को रद्द किया जाए, आवारा पशुओं, नीलगाय व हिंसक जंगली सुअरों से किसानों को सुरक्षा प्रदान की जाए, इनसे फसलों को होने वाले नुकसान से बचाया जाए। पराली जलाने पर कठोर दण्ड की नीति को समाप्त किया जाएए सरकार किसानों को मशीनरी सब्सिडी पर उपलब्ध कराए और पराली प्रबंधन के लिए दी जा रही राशि को बढ़ाया जाए, जुमला, मुश्तरका, शामलात, पट्टेदार, आबादकार आदि श्रेणियां की भूमि पर जो किसान पीढिय़ों से खेती करते आ रहे हैं, उन्हें मालिकाना हक प्रदान किया जाए, मनरेगा के तहत एक साल में मजदूरों को 200 दिन काम दिया जाए। औलख ने कहा कि अगर हरियाणा सरकार ने हमारी यह मांगी नहीं मानी तो आने वाली एक सितंबर को हरियाणा किसान मजदूर संघर्ष मोर्चे की ओर से कुरुक्षेत्र में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निवास का घेराव किया जाएगा। इस मौके पर पगड़ी संभाल जटा से मनदीप सिंह नथवान, बीकेई महासचिव अंग्रेज सिंह कोटली, मंगत राम हरियाणा प्रधान, रणजीत सिंह, मुकेश चाहरवाला, गुरपिंदर काहलों, गुरजीत मान, सुभाष झोरड़, नत्था सिंह, गुरप्रीत संधू, सुनील नैन, हंसराज पचार, गुरलाल सिंह भंगू, महावीर गोदारा, पूर्व सरपंच नछत्तर सिंह, गुरमीत सिंह गिल, हनुमान न्योल, मान सिंह, निर्मल सिंह थिराज सहित सैकड़ों किसानों, मजदूरों ने शिरकत की।