प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को कनाडा के कनानास्किस पहुंचे, जहां उन्हें कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने G7 समिट के लिए औपचारिक रूप से स्वागत किया। यह प्रधानमंत्री मोदी की एक दशक बाद कनाडा की पहली यात्रा है और वह इस समिट में हिस्सा लेने के लिए तीन देशों के दौरे पर निकले हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी देते हुए लिखा, “वैश्विक प्रगति और सहयोग के लिए सेतु निर्माण। कनाडा के प्रधानमंत्री @MarkJCarney ने G7 समिट में प्रधानमंत्री @narendramodi का स्वागत किया।”
G7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की कई नेताओं से द्विपक्षीय बैठकें हुईं, जिनमें मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे मयोंग, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा शामिल हैं। गौरतलब है कि यह मुलाकातें ऐसे समय पर हो रही हैं जब भारत ने हाल ही में “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक कार्रवाई की थी। इससे पहले 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई जानें गई थीं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ऊर्जा सुरक्षा, तकनीक और नवाचार जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर G7 देशों, अन्य आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के नेताओं के साथ विचार साझा करेंगे। विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऊर्जा के आपसी संबंधों तथा क्वांटम टेक्नोलॉजी पर चर्चा होगी। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “G7 समिट में भाग लेने के लिए कनाडा के कैलगरी में उतरा हूं। इस दौरान सम्मेलन में विभिन्न नेताओं से मुलाकात करूंगा और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा करूंगा। साथ ही, ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर बल दूंगा।” बता दें कि G7 समूह जिसमें विश्व की सात प्रमुख विकसित अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, इटली और कनाडा, तथा यूरोपीय संघ। यह प्रधानमंत्री मोदी की G7 सम्मेलन में छठी भागीदारी है।
सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीयर स्टार्मर, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से भी बातचीत करेंगे। यह यात्रा भारत-कनाडा संबंधों को फिर से मजबूत करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जो पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के समय खराब हो गए थे। हाल के महीनों में भारत और कनाडा के सुरक्षा अधिकारियों के बीच संपर्क बहाल हुआ है और दोनों देश नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति पर विचार कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी कनाडा में लगभग 24 घंटे रुकेंगे, इस दौरान वे शिखर सम्मेलन की बैठकों के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुलाकातें करेंगे, जिसके बाद वे बुधवार सुबह क्रोएशिया रवाना होंगे।