अमृतसर | पंजाब सरकार ने सड़कों पर भीख मांग रहे बच्चों की पहचान और सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने 'ऑपरेशन जीवनजोत' के तहत प्रदेशभर में एक विशेष अभियान शुरू किया है, जिसमें भीख मांगते बच्चों और उनके तथाकथित माता-पिता का DNA टेस्ट किया जाएगा।
इस मुहिम का उद्देश्य यह पता लगाना है कि बच्चे जिन लोगों के साथ हैं, वे असल में उनके माता-पिता हैं या नहीं। कई मामलों में शक है कि बच्चों को भीख मंगवाने वाले गैंग्स द्वारा उपयोग किया जा रहा है।
अमृतसर से हुई शुरुआत, बच्चों को रेस्क्यू कर टेस्टिंग शुरू
अभियान की शुरुआत अमृतसर से की गई है, जहां सड़कों पर भीख मांगते बच्चों को रेस्क्यू कर मेडिकल जांच के लिए भेजा गया। अब इन बच्चों और उनके साथ मौजूद पुरुषों व महिलाओं का DNA टेस्ट किया जा रहा है।
कल जारी हुए थे राज्यभर के डीसी को आदेश
इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को 16 जुलाई को आदेश जारी किए गए थे, ताकि प्रदेशभर में यह मुहिम एकसाथ शुरू की जा सके।
डॉ. बलजीत कौर की अगुवाई में बनी योजना
इस योजना की पूरी रूपरेखा समाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में तय की गई थी। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव पी. श्रीवास्तव समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
अधिकारियों ने बैठक में बताया कि अक्सर महिलाएं या पुरुष बच्चों को अपना बताकर भीख मंगवाते हैं, जबकि वे असल में उनके माता-पिता नहीं होते। अब DNA टेस्ट से असलियत सामने आएगी।