श्रीनगर। सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने करगिल विजय दिवस की वर्षगांठ पर शनिवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर केवल सैन्य कार्रवाई नहीं बल्कि भारत का संकल्प, संदेश और पाकिस्तान को निर्णायक जवाब था कि आतंकवाद को सहारा देने वाले अब नहीं बचेंगे। जनरल द्विवेदी ने लद्दाख के द्रास में करगिल युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि वर्ष 1999 में भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय के अंतर्गत करगिल की चोटियों पर अद्वितीय विजय प्राप्त की थी। उन्होंने कहा कि भारतीय सेनाओं ने उस समय स्पष्ट कर दिया था कि उसकी सीमाओं के भीतर किसी भी नापाक इरादे को सफलता नहीं मिलेगी। भारत की एकता और अखंडता पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर,ऑपरेशन विजय की कड़ी में दुश्मन को करारा जवाब है।
उन्होंने कहा, “ हमने शांति को अवसर दिया,पर कायरता का उत्तर केवल पराक्रम से दिया। ऑपरेशन सिंदूर हमारा संकल्प है, संदेश भी और उत्तर भी। ” पहलगाम हमले को कायरतापूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि इस बार भारत ने ठान लिया था कि अबकी बार निर्णायक जवाब दिया जायेगा। उन्होंने कहा, “ देशवासियों का अटूट विश्वास और सरकार द्वारा दी गयी रणनीतिक स्वतंत्रता से भारतीय सेना ने एक सुनियोजित, सटीक और निर्णायक जवाब दिया। ” सेना प्रमुख ने कहा,“ यह केवल जवाब नहीं था, यह स्पष्ट संदेश था कि आतंकवाद को सहारा देने वाले अब नहीं बचेंगे। ”
जनरल द्विवेदी ने कहा कि 7 से 9 मई के बीच की पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाईयों का भारतीय सेना ने नपा-तुला और सटीक जवाब दिया। उन्होंने कहा, “ हमारी वायु रक्षा प्रणाली एक अजेय दीवार बनकर सामने खड़ी रही जिसे कोई ड्रोन या मिसाइल नहीं भेद सकी। यह सब संपूर्ण राष्ट्र के एक समान दृष्टिकोण के कारण संभव हो सका जहां सेना, वायु सेना , नौसेना और अन्य सरकारी विभाग मिलकर एक साथ खड़े रहे। इसमें सख्त संदेश दिया गया, “ जो भी शक्तियां भारत की संप्रभुता, अखंडता या जनता को क्षति पहुंचाने की योजना बना रही हैं उन्हें करारा जवाब दिया गया है और आगे भी दिया जाएगा। ”
सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सेना तेजी से आधुनिक और भविष्य की शक्ति में बदल रही है इसके अंतर्गत ‘रुद्र’ के रूप में नयी ब्रिगेड का गठन किया जा रहा है जिनमें इन्फेंट्री, मकैनाइज्ड इन्फैंट्री, बखतरबंद यूनिट , तोपखाना, स्पेशल फोर्स और ड्रोन जैसी लड़ाकू इकाईयों का एकीकरण किया जा रहा है। इन्हें विशेष रूप से तैयार लॉजिस्टिक और कॉम्बेट स्पोर्ट से मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में भैरव लाइट कमांडो बटालियन के रूप में घातक और स्पेशल फोर्स यूनिट का गठन किया गया है जो सीमाओं पर शत्रुओं के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हर इन्फेंट्री बटालियन में ड्रोन पलाटून और तोपखाना में दिव्यास्त्र बैटरी के माध्यम से लोइटर म्यूनिशन बैटरी से मारक क्षमता को कई गुना बढा दिया गया है। सेना की एयर डिफेंस शाखा को स्वदेशी मिसाइल प्रणालियों से लैस किया जा रहा है।
युवा कैडेटों और छात्रों को उन्होंने विशेष रूप से कहा कि आज का दिन राष्ट्र निर्माण के आह्वान का दिन है। उन्होंने कैडेटों और छात्रों से कहा,“ अपने देश की सेवा ईमानदारी, शुद्धता और राष्ट्रभक्ति के साथ करें,चाहे वह सेना, विज्ञान, शिक्षा, चिकित्सा या उद्यमिता कोई भी रूप हो। करगिल विजय दिवस केवल स्मृति नहीं , यह वचन है, भारत संप्रभुता , अखंडता और सम्मान की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक लड़ने का। ” सेना प्रमुख ने सुरक्षित , सशक्त और विकसित भारत का संकल्प लेने का आह्वान किया और कहा, “ हम शांतिप्रिय हैं, पर कमजोर नहीं। हम संकल्पित, सजग और अड़िग हैं हमारे शहीद हमारी प्रेरणा हैं। हम अपने वीरों की विरासत को आगे बढाएंगे । संकल्प लें कि हम भारत को सुरक्षित ,सशक्त और विकसित बनाएंगे। ”