प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू द्वारा उनके सम्मान में आयोजित आधिकारिक भोज में कहा कि हम दोनों ग्लोबल साउथ के साथी हैं, इंफ्रास्ट्रक्चर या कैपेसिटी बिल्डिंग, मालदीव के विकास यात्रा के हर मोड़ पर भारत एक सच्चा साझेदार और सहयात्री रहा है। अब हमें व्यापार, सुरक्षा और सतत विकास पर आगे बढ़ना चाहिए। भारत और मालदीव का रिश्ता भरोसे की नींव पर टिका है और सद्भाव से चलता है।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष राष्ट्रपति भारत दौरे पर आए थे और अब उनके कार्यकाल का पहला राज्य अतिथि बनने का सौभाग्य मुझे मिला। मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आना मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं इस निमंत्रण के लिए राष्ट्रपति का आभार व्यक्त करता हूं। इस वर्ष भारत मालदीव संबंधों की भी 60वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है, इस सुखद संयोग ने मेरी इस यात्रा को और विशेष बना दिया है।”
पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत और मालदीव के संबंध सदियों पुराने हैं, हम पड़ोसी, साझेदार हैं और जरूरत के समय साथ खड़े रहने वाले सच्चे मित्र हैं। मालदीव भारत की पड़ोसी प्रथम नीति में विशेष स्थान रखता है, यह केवल कूटनीति नहीं है, गहरी आत्मीयता का रिश्ता है। हमारी साझी विरासत मानसून जितनी पुरानी है। हमारी भाषाओं में हमारी संस्कृति की गहराई झलकती है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, “सदियों से हमारे लोगों के बीच जो आत्मीय रिश्ते बने हैं वह आज भी उतनी मजबूती से कायम है, भारत में पढ़ने वाले मालदीव के हजारों छात्र, इलाज कराने वाले नागरिक और मालदीव को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले भारतीय, यह सब हमारी साझी कहानी के पात्र हैं।”
आपको बता दें, दो दिवसीय ब्रिटेन की यात्रा के बाद पीएम मोदी दो दिनों की राजकीय यात्रा पर शुक्रवार सुबह मालदीव पहुंचे थे। राजधानी माले में प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में दिए गए भोज में, राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि कि आज रात हमें दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों की भावना के अनुरूप उस मित्रता और सद्भावना का आदान-प्रदान करते हुए खुशी हो रही है। सबसे पहले, मैं आज भारत के दूसरे सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री बनने पर पीएम मोदी को हार्दिक बधाई देता हूं। लगातार 4,078 दिनों तक पद पर बने रहने का यह माइलस्टोन, जनसेवा के प्रति आपकी अटूट प्रतिबद्धता और भारतीय जनता की प्रगति एवं समृद्धि के प्रति आपके समर्पण का प्रमाण है।
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा राष्ट्रपति मुइज्जू के निमंत्रण पर हुई है। यह मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर है, जिसमें शनिवार को पीएम मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो रहे हैं। यह अवसर न केवल दोनों देशों के बीच स्थायी संबंधों का प्रतीक है, बल्कि 1965 में भारत द्वारा मालदीव की स्वतंत्रता को शीघ्र मान्यता दिए जाने की याद भी दिलाता है।
इस राजनयिक मुलाकात को द्विपक्षीय संबंधों को नए सिरे से परिभाषित करने और हिंद महासागर क्षेत्र में आपसी हितों की पुष्टि करने के अवसर के रूप में देखा जा रहा है। इस ऐतिहासिक समारोह में प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति क्षेत्रीय स्थिरता, समुद्री सहयोग और सांस्कृतिक संवाद के लिए भारत के निरंतर समर्थन का संकेत देती है।