लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दुनिया के लोकतांत्रिक देशों की संसदों से आतंकवाद के वैश्विक खतरे के खिलाफ एकजुट होकर काम करने का आग्रह किया। ओम बिरला ने मंगलवार को कहा कि आतंकवाद, चाहे वह किसी भी रूप में क्यों न हो, वह सभ्यता और मानव विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि किसी भी एक देश या क्षेत्र के लिए खतरा, संपूर्ण मानवता के लिए खतरा है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में सभी देश एकजुट होकर साझा रणनीति के साथ कार्य करेंगे।
लोकसभा अध्यक्ष ने ये विचार संसद भवन में श्रीलंकाई संसद के उपाध्यक्ष और समितियों के अध्यक्ष, डॉ. रिजवी सालेह के नेतृत्व में भारत दौरे पर आए श्रीलंकाई संसदीय प्रतिनिधिमंडल के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान व्यक्त किए।
आपको बता दें, श्रीलंकाई संसदीय प्रतिनिधिमंडल इस समय लोकतंत्रों के लिए संसदीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (PRIDE) द्वारा आयोजित एक सप्ताह के क्षमता निर्माण कार्यक्रम में भाग ले रहा है।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का संसद भवन में स्वागत करते हुए बिरला ने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच मित्रता साझा सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सभ्यतागत मूल्यों पर आधारित है।
बिरला ने उल्लेख किया कि साझा बौद्ध विरासत दोनों देशों को जोड़ती है। उन्होंने फिनटेक, डिजिटल अवसंरचना, और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में भारत और श्रीलंका के बीच बढ़ते सहयोग का भी जिक्र किया, जिसमें हाल ही में श्रीलंका में यूपीआई-आधारित भुगतान प्रणाली की शुरुआत और समुद्री फेरी तथा उड़ान सेवाओं के माध्यम से बेहतर पर्यटन संपर्क शामिल हैं।
वहीं, भारतीय संसद में अपनाई जा रही विभिन्न तकनीकी नवाचारों का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि भारत की संसद डिजिटल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित तकनीकों के माध्यम से संसदीय प्रणाली में जन भागीदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा दे रही है।