सिरसा।।(सतीश बंसल)। पूर्व सांसद डा. सुशील इंदौरा ने एक प्रेस बयान में कहा कि युवाओं को रोजगार देने को लेकर प्रदेश सरकार की मंशा ठीक नजर नहीं आ रही है। जारी बयान में पूर्व सांसद ने कहा कि एक तो पहले ही बेरोजगारों की फेहरिस्त काफी लंबी होती जा रही है और दूसरी ओर सरकार द्वारा सीईटी सहित कई परीक्षाओं के लिए आवेदनों में ही युवाओं को कई तरह की शर्तों में उलझाकर उन्हें राहत देने की बजाय और अधिक परेशान करने का काम किया जा रहा है। सरकार नहीं चाहती कि युवाओं को रोजगार दिया जाए। डा. इंदौरा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा था कि हर वर्ष लाखों युवाओं को रोजगार देंगे, लेकिन सरकार चुनावों के बाद अपने वायदे से मुकर गई। डा. इंदौरा ने कहा कि हाल में ही सरकार ने सीईटी के लिए आवेदन मांगें हुए हंै। सीईटी परीक्षा के लिए आगामी 12 जून तक आवेदन मांगे गए हैं, लेकिन पिछड़ा वर्ग तथा अनुसूचित जाति, जन जाति से जुड़े प्रार्थी अपने फार्म ही नहीं भर पा रहे हैं। हजारों की संख्या में बीसी-एससी आवेदकों के जाति प्रमाणपत्र ही नहीं बने हैं। राज्य सरकार ने सीईटी परीक्षा के लिए अप्रैल 2025 के बाद बने जाति एवं आय प्रमाणपत्र मांगे हैं। इस मामले में स्वयं मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी विभागीय अधिकारियों को आदेश दिये थे कि सीईटी आवेदकों को किसी तरह की परेशानी न आए, परंतु सरकार के सरल पोर्टल में प्रमाणपत्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाले आवेदकों के प्रमाणपत्र अभी तक बने नहीं है। अप्लाई करने के कई-कई दिन तक रिप्लाई नहीं आता ऐसे में हजारों आवेदक परीक्षा देने से वंचित रह जाएंगे, जिससे साफ है कि सरकार नहीं चाहती कि युवाओं को रोजगार दिया जाए। सरकार को साथ ही यह भी चिंता सता रही है कि अगर सीईटी टेस्ट में युवा क्लीयर हो गए तो अपनी घोषणा के मुताबिक 9-9 हजार रुपए भी देने पड़ेंगे। युवा भी भली भांति सरकार की मंशा को समझ चुका है और वह सरकार को सबक सिखाने के लिए अभी से तैयार है।