नवांशहर (मनोरंजन कालिया) : प्रसिद्ध कथा वाचक ज्ञानी सरबजीत सिंह लुधियाना, जो स्वयं भी रक्तदाता हैं, रक्तदान सेवा के लिए समर्पित स्थानीय बीडीसी रक्त केंद्र में दिन-रात चल रही सेवा को देखने आए। इस अवसर पर जी.एस.तूर, जे.एस.गिद्दा, मास्टर नरिंदर सिंह भारटा, त्रलोचन सिंह भारटा और हरमीत सिंह जर्मन उपस्थित थे। प्रबंधक मनमीत सिंह और तकनीकी पर्यवेक्षक राजिंदर ठाकुर ने ज्ञानी जी के साथ भवन के विभिन्न विभागों के बारे में जानकारी साझा की। उन्हें बताया गया कि इस संस्था द्वारा लगभग 40 वर्षों से किए जा रहे कार्यों के परिणामस्वरूप आज रक्तदान के प्रति जागरूकता इस स्तर तक फैल चुकी है कि कभी-कभी एक ही दिन में एक से अधिक रक्तदान शिविर आयोजित करने के लिए तिथियां निश्चित करना कठिन हो जाता है। यह भी बताया गया कि अब एक रक्तदाता चार लोगों की जान बचा सकता है। उनके साथ होल ब्लड यूनिट सेवा और ब्लड सेल सेपरेटर यूनिट सेवा के बीच अंतर के बारे में जानकारी साझा की गई। ज्ञानी सरबजीत सिंह ने बताया कि गुरबाणी हमें सेवा भावना के साथ जीने की प्रेरणा देती है। रक्तदान ही एकमात्र सेवा क्षेत्र है जो हमें धर्म, जाति-समुदाय, अमीरी-गरीबी, रंग-रूप और पद का भेद किए बिना सेवा के आदान-प्रदान से जोड़ता है। उन्होंने संस्था द्वारा की जा रही सेवाओं की सराहना की और अपनी ओर से सभी प्रेरकों और रक्तदाताओं को शुभकामनाएं दीं। संस्था ने लुधियाना के ज्ञानी सरबजीत सिंह और जर्मनी के हरमीत सिंह को सम्मानित किया