भारत और भूटान के बीच विकास सहयोग पर अहम वार्ता 30 जून को नई दिल्ली में संपन्न हुई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने किया, जबकि भूटान की ओर से विदेश सचिव ओम पेमा चोडेन ने प्रतिनिधित्व की। यह वार्ता दोनों देशों के बीच चल रहे विकास कार्यक्रमों की समीक्षा और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा के लिए आयोजित की गई। गौरतलब है कि भारत और भूटान के संबंध आपसी विश्वास, सद्भाव और गहरे दोस्ताना जुड़ाव पर आधारित हैं। वार्ता के दौरान भारत सरकार ने भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना (2024-2029) के लिए 10,000 करोड़ रुपये (100 बिलियन) की सहायता देने की घोषणा की। यह सहायता चार भागों- परियोजना आधारित सहायता (PTA), उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजनाएं (HICDP), आर्थिक प्रोत्साहन कार्यक्रम (ESP), और कार्यक्रम अनुदान के रूप में बजटीय सहयोग, में दी जाएंगी।
बैठक में बताया गया कि अब तक 61 PTA आधारित परियोजनाएं चल रही हैं, जिनकी कुल लागत 4958 करोड़ रुपये (49.58 बिलियन) है। इसके अलावा, 283 HICDP परियोजनाएं भी विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं, जिन पर 417 करोड़ रुपये (4.17 बिलियन) खर्च किए जा रहे हैं। भारत सरकार ने अब तक 750 करोड़ रुपये (7.50 बिलियन) ESP के लिए और 100 करोड़ रुपये (1 बिलियन) कार्यक्रम अनुदान के रूप में पहले ही जारी कर दिए हैं। बैठक में इन सभी परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई और कुछ परियोजनाओं की फंडिंग में आवश्यकतानुसार संशोधन पर भी सहमति बनी।
इसके अलावा भूटान की ओर से नई 10 परियोजनाएं भी प्रस्तुत की गईं, जिनकी कुल लागत 1113 करोड़ रुपये (11.13 बिलियन) है। इनमें स्वास्थ्य, संपर्क व्यवस्था, शहरी बुनियादी ढांचा और पशुपालन जैसे क्षेत्र शामिल हैं। भारत और भूटान दोनों पक्षों ने इन सभी परियोजनाओं को मंजूरी दे दी। भारत ने यह भी भरोसा दिलाया कि वह भूटान की विकास यात्रा में निरंतर सहयोग करता रहेगा, जो भूटान के राजा और भारत के प्रधानमंत्री की साझा दृष्टि पर आधारित है। वार्ता सौहार्दपूर्ण और सहयोगात्मक वातावरण में हुई, जो भारत-भूटान के विशेष और मजबूत संबंधों की परंपरा को दर्शाती है। दोनों देशों ने सहमति जताई कि अगली विकास सहयोग वार्ता थिंपू में किसी उपयुक्त समय पर आयोजित की जाएगी-