बी. सुदर्शन रेड्डी (INDIA): तेलंगाना से सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, जिन्होंने 2007 से 2011 तक सर्वोच्च न्यायालय में सेवा दी। वे 2005 से 2007 तक गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और 2013 में गोवा के पहले लोकायुक्त रहे। इस चुनाव में इतिहास में पहली बार दोनों प्रमुख उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं, जिससे दक्षिण भारतीय राजनीति राष्ट्रीय चर्चा के केंद्र में आ गई है।
संख्याबल का गणित
उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के कुल 781 सांसद मतदान करेंगे। जीत के लिए 392 वोटों का बहुमत आवश्यक है। दोनों गठबंधनों की स्थिति इस प्रकार है:
लोकसभा: कुल 542 सांसद (अध्यक्ष को छोड़कर)
NDA: 299 सांसद
INDIA: 236 सांसद
अन्य: 10 सांसद
राज्यसभा: कुल 239 सांसद (245 में से 6 सीटें रिक्त)
NDA: 140 सांसद
INDIA: 91 सांसद
अन्य: 30 सांसद
कुल संख्याबल: NDA: 439 सांसद, INDIA: 327 सांसद
NDA के पास बहुमत से 47 वोट अधिक हैं, जिसके कारण सीपी राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है। हालांकि, जानकारों का कहना है कि जीत का अंतर 2022 के चुनाव जैसा बड़ा नहीं होगा, जब जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की मार्गरेट अल्वा को 346 वोटों से हराया था।
क्रॉस वोटिंग की संभावना
उपराष्ट्रपति चुनाव में गुप्त मतदान होता है, और इसमें पार्टी व्हिप लागू नहीं होता। सांसद अपनी इच्छा से वोट दे सकते हैं, जिससे क्रॉस वोटिंग का खतरा रहता है। 2022 में जगदीप धनखड़ को वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल (BJD) जैसे गैर-NDA दलों के वोट मिले थे। इस बार भी कुछ दल, जैसे BJD (7 सांसद), BRS (4 सांसद), और अन्य निर्दलीय सांसद, अभी तक अपना रुख स्पष्ट नहीं कर पाए हैं। वहीं, वाईएसआर कांग्रेस (11 सांसद) ने NDA उम्मीदवार राधाकृष्णन को समर्थन देने का ऐलान किया है। विपक्ष को उम्मीद है कि कुछ सांसद उनकी ओर क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं, खासकर दक्षिण भारत से जुड़े दलों जैसे TDP और YSRCP के।
वैचारिक जंग और रणनीति
विपक्ष ने इस चुनाव को 'संविधान बनाम RSS-BJP' की लड़ाई के रूप में पेश किया है। इंडिया गठबंधन के नेता, जैसे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, इसे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की लड़ाई बता रहे हैं। दूसरी ओर, NDA ने सांसदों को मतदान प्रक्रिया समझाने के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए हैं, ताकि उनके वोट रद्द न हों। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रविवार को छह घंटे की कार्यशाला में हिस्सा लिया, जिसमें सांसदों को रणनीति समझाई गई।
क्या हो सकता है परिणाम?
संख्याबल के आधार पर NDA का पलड़ा भारी है, लेकिन विपक्ष की एकजुटता और क्रॉस वोटिंग की संभावना इस चुनाव को रोमांचक बना रही है। 9 सितंबर को होने वाला मतदान यह तय करेगा कि देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा। परिणाम उसी दिन देर शाम तक घोषित होने की उम्मीद है।