केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि फास्टैग इकोसिस्टम में न केवल टोलिंग के लिए, बल्कि पूरे देश में निर्बाध डिजिटल यात्रा अनुभवों के आधार के रूप में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि फिनटेक और अन्य हितधारकों के साथ सहयोग के माध्यम से हमारा लक्ष्य फास्टैग की उपयोगिता को एक मजबूत मंच में विस्तारित करना है, जो उपयोगकर्ता की सुविधा को बढ़ाएगा, परिवहन और गतिशीलता सेवाओं को सुव्यवस्थित करेगा और इस क्षेत्र में अधिक दक्षता लाएगा।
फास्टैग प्रणाली के अभिनव इस्तेमाल का पता लगाने के लिए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा प्रवर्तित कंपनी इंडियन हाइवेज एंड मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (आईएचएमसीएल) ने कल बुधवार को नई दिल्ली में फिनटेक कंपनियों के साथ एक कार्यशाला आयोजित की थी। जिसका उद्देश्य नियामक अनुपालन, शिकायत निवारण, सुरक्षा और फास्टैग के गैर-टोल इस्तेमाल जैसे विभिन्न पहलुओं पर फिनटेक क्षेत्र के अग्रणी दिग्गजों से जानकारी इकट्ठा करना था ताकि इसके विकास के अगले चरण का समर्थन किया जा सके। वहीं, केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह कारों के लिए 3,000 रुपए की कीमत वाले फास्टैग आधारित वार्षिक पास की शुरुआत की घोषणा की, जो इस साल 15 अगस्त से प्रभावी होगा।
इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “इस वर्कशॉप में आयोजित प्रस्तुतियां और चर्चाएं डिजिटल रूप से सशक्त राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का मार्ग प्रशस्त करेंगी, जिससे देश के हर यात्री को लाभ होगा।”
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव वी. उमाशंकर ने कहा कि फिनटेक भारत के लिए एक उज्ज्वल स्थान रहा है और इसने हमें कई इनोवेशन दिए हैं, जबकि फास्टैग ने देश में इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह को बदल दिया है।
वहीं, एनएचएआई के अध्यक्ष संतोष कुमार यादव के अनुसार, वर्कशॉप भविष्य के इनोवेशन का मार्ग प्रशस्त करेगी, जो हमें टोल संग्रह से परे फास्टैग प्रणाली के दायरे और उपयोगिता को बढ़ाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि यह भविष्य के समाधान बनाने का एक शानदार अवसर है, जो राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
कार्यशाला में उन प्रमुख पहलुओं के बारे में बताया गया जो फास्टैग के विकास के अगले चरण को आकार देने, उपयोगकर्ता की सुविधा बढ़ाने और अत्याधुनिक तकनीक को एकीकृत करके सुशासन को बढ़ावा देने में मदद करेंगे। 98.5 प्रतिशत टोल पेमेंट के साथ, नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (एनईटीसी) फास्टैग प्रोग्राम 1,728 टोल प्लाजा (1,113 राष्ट्रीय राजमार्ग, 615 राज्य राजमार्ग) पर संचालित होता है। इसके अलावा, 38 से अधिक बैंकों ने डिजिटल भुगतान का समर्थन करते हुए 11.04 करोड़ फास्टैग जारी किए हैं।