इस्लामाबाद; भारत के खिलाफ जंग में बुरी तरह पिटने के बाद भी पाकिस्तान आर्मी चीफ आसिम मुनीर को प्रोमोशन मिली है और उन्हें फील्ड मार्शल बनाया गया है। सेना में सर्वोच्च सैन्य रैंक पाने वाले वह सिर्फ दूसरे पाकिस्तानी हैं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की कैबिनेट ने मंगलवार को यह फैसला लिया। मुनीर का यह प्रोमोशन भारत के खिलाफ ऑपरेशन बुनयान-उम-मार्सूस के दौरान आर्मी को लीड करने की वजह से किया गया। पाकिस्तान में आसिम मुनीर से पहले 1959 में सैन्य तानाशाह अयूब खान ने खुद को फील्ड मार्शल घोषित कर दिया था। फील्ड मार्शल पाकिस्तान सेना में सर्वोच्च सैन्य रैंक है, जो एक फाइव स्टार रैंक के रूप में माना जाता है। यह रैंक जनरल (फोर स्टार) से ऊपर है। पाकिस्तान में फील्ड मार्शल का पद सेना, नौसेना और वायुसेना में सबसे ऊंचा होता है। पाकिस्तान में यह रैंक केवल खास परिस्थितियों में ही दिया जाता है।
पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ को फील्ड मार्शल का दर्जा देने की मांग की गई थी। इसे लेकर इस्लामाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका भी दायर की थी। इसमें कहा गया था कि जनरल शरीफ के बेहतर काम के आधार पर उन्हें यह पद दिया जाए। हालांकि अदालत ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि उसके पास इस मामले में कोई निर्देश देने का अधिकार नहीं है। पाकिस्तान के कानून के मुताबिक, फील्ड मार्शल के पास कोई अतिरिक्त संवैधानिक शक्ति नहीं होती। फील्ड मार्शल की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, और रक्षा मंत्रालय तीनों की सहमति जरूरी है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट या फिर हाई कोर्ट से भी संवैधानिक आदेश की जरूरत पड़ती है।