सिटी रिपोर्टर
खरड़ सोमवार की देर रात लग ाग 9 बजे मोहाली प्रशासन भारी पुलिस फोर्स के साथ गांव झंजेड़ी में एक बार फिर जमीन का कब्ला लेने के लिये पहुंच गया लेकिन गांववासियों के कड़े विरोध तथा लांडरा सरहिंद रोड़ पर सड़क जाम के बाद प्रशासन और पुलिस को वापिस लौटना पड़ा। इस दौरान गांववासियों ने पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और लोग विरोध करते हुये कब्जा लेने आये अधिकारियों की कारों के आगे लेट गये। गांववासियों ने धमकी दी कि उनकी जमीन पर सरकार ने कब्जा करने की कोशिश की तो वह बच्चों समेत अपने पर तेल छिड़क कर आत्मदाह कर लेगें। इससे पहले रविवार रात को मोहाली प्रशासन ने पुलिस को साथ लेकर गांव झंजेड़ी की जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया था लेकिन लोगों के कड़े विरोध और आक्रामक रवैये को देखते हुये वापिस लौट गई थी। अगले दिन सोमवार को गांव झंजेड़ी के किसानो ने और गांव के लोगों ने इसका विरोध करते हुये मोहाली डिप्टी कमीशनर के दफतर पहुंच कर प्रदर्शन किया। इस प्रदशन में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, शिरोमणि अकाली दल तथा किसान यूनियन समेत सभी लोग इस प्रदर्शन में शामिल हुये। प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि वह आजादी से पहले इस जमीन पर खेती कर रहे हैं तथा उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में भी उनके हक में इसका फैसला हो चुका है। डिप्टी कमीशनर से गांव वासियों की बातचीत के बाद यह धरना समाप्त हो गया और लोग अपने गांव वापिस आ गये लेकिन रात होते ही प्रशासन के अधिकारी एक बार फिर भारी पुलिस फोर्स के साथ जमीन पर कब्जा लेने पहुंच गये। गांव झंजेड़ी के किसानों भरत सिंह, राम सिंह, शिव चरण, राजेश कुमार, संदीप राणा, जगदीश सिंह, वरिंदर सिंह, अभिमन्यू, नवदीप सिंह तथा राज कुमार समेत अन्य किसानों ने बताया कि बीडीपीओ बलजिंदर सिंह ग्रेवाल भगवंत सिंह मान की शह पर कानून की उल्लंघना कर रहे हैं। जिस जमीन का गांव झंजेड़ी के किसानों को मान्नीय हाईकोर्ट और मान्नीय सुप्रीम कोर्ट ने मालिक माना है और इस जमीन पर गांव झंजेड़ी के खेबटकार 1942 से भी पहले से खेतीबाड़ी कर रहे हैं, उस जमीन पर पंजाब सरकार गैर कानूनी ढंग से कानून की उल्लंघना करके कब्जा करना चाहती है। मान्नीय हाईकोट के नये आदेशों अनुसार किसानों की कुल जमीन 2213 कनालों मे से 683 कनाल जमीन मान्नीय हाईकोर्ट द्वारा ग्राम पंचायत के नाम कर दी है, जिसका कब्जा गांव के किसान ग्राम पंचायत को देने के लिये भी तैयार हैं परंतु कानूनी प्रक्रिया द्वारा, क्योंकि जो 683 कनाल जमीन मान्नीय हाईकोर्ट द्वारा ग्राम पंचायत के नाम लिख दी है, उसका मालिक बनने के लिये ग्राम पंचायत को सैकशन 11 के तहत ग्राम पंचायत को मान्नीय अदालत से आर्डर करवाना होता है। इसके बाद ही किसी जमीन का कब्जा लेने के लिये दफा 7 के तहत पहले मान्नीय अदालत में अपील करनी होती है और कब्जा लेने सबंधी आर्डर लेने होते हैं। किसानों ने कहा कि बीडीपीओ के पास कब्जा लेने के लिये कोर्ट के दफा 7 के तहत आदेश नही थे और न ही पंचायत के नाम जमाबंदी फर्द है, उन्होनें बताया कि शुरू से ही इस जमीन के मालिक और काश्तकार वाले खाते में ोबटकार का नाम दर्ज है। मान्नीय पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने इस जमीन को स्टे भी किया हुआ है, इसलिये इस जमीन के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ करना मान्नीय पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों की उल्लंघना है। किसानों ने कहा कि किसी भी गैर कानूनी काम के लिये पंजाब सरकार, भगवंत मान, विधायिका अनमोल गगनमान, डीडीपीओ, बीडीपीओ तथा पंचायत सचिव जि मेदार होगें।