उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण जिला प्रशासन ने सोनप्रयाग-मुनकटिया मार्ग पर आवाजाही प्रतिबंधित कर दी है। केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए आधार बिंदु के रूप में कार्य करने वाली सड़क सोनप्रयाग शटल पुल के पास और मुनकटिया के पास स्लाइडिंग जोन क्षेत्र में लगातार मलबा और पत्थर गिरने के कारण यात्रियों की आवाजाही के लिए पूरी तरह से बाधित हो गई।
रुद्रप्रयाग पुलिस ने एक बयान में कहा कि सुरक्षा कारणों से केदारनाथ धाम यात्रा के तीर्थयात्रियों को सोनप्रयाग और गौरीकुंड में रोक दिया गया था और जब मलबा साफ हो गया तो तीर्थयात्रियों की आवाजाही को फिर से अनुमति दे दी गई। सड़क को खोलने और बंद करने की प्रक्रिया को नियंत्रित किया जा रहा है तथा संबंधित कार्यदायी संस्था, प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस द्वारा अतिरिक्त सतर्कता के साथ यात्रियों की आवाजाही सुनिश्चित की जा रही है।
रुद्रप्रयाग पुलिस के एक बयान के अनुसार, लगातार हो रही बारिश और ऊपर पहाड़ी से गिर रहे मलबे के कारण इन दोनों स्थानों पर सड़क खोलने में दिक्कतें आ रही हैं। जब रास्ता सुचारू हो गया तो उन्हें केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर भेज दिया गया तथा गौरीकुंड से लौटने वालों को सोनप्रयाग की ओर लाया गया।
वहीं, जिला पुलिस ने केदारनाथ धाम आने वाले तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे केदारनाथ धाम यात्रा पर अतिरिक्त सावधानी के साथ आएं तथा मौसम पूर्वानुमान पर नजर रखें।
इस बीच,कल गुरुवार को रुद्रप्रयाग में हुई बस दुर्घटना में लापता लोगों की तलाश के लिए अलकनंदा नदी पर दूसरे दिन भी खोज और बचाव अभियान जारी रहा। दुर्घटनास्थल से लगभग 40 किलोमीटर दूर पौड़ी गढ़वाल में श्रीनगर बांध के पास एक लापता यात्री का शव बरामद होने के बाद गुरुवार को मृतकों की संख्या बढ़कर चार हो गई। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की इंस्पेक्टर मंजरी नेगी ने बताया कि रुद्रप्रयाग बस दुर्घटना में एक और मृतक यात्री का शव श्रीनगर में बांध के पास तैरता हुआ मिला है। मृतक की पहचान गौरी सोनी के रूप में हुई है।
नेगी ने कहा कि एसडीआरएफ ने एसएसबी की सहायता से अलकनंदा नदी के प्रमुख स्थानों पर कई टीमें तैनात की हैं। जैसे ही हमारी टीम को यह सूचना मिली, हम सभी यहां एकत्र हो गए। एसएसबी की एक टीम भी मौजूद है। हमने टीम को तीन भागों में विभाजित किया है- एक गोवा बीच के पास, एक धारी देवी के पास और एक बांध पर। हमने एसएसबी टीम को इन तीन भागों में विभाजित किया है और दूरबीन और खुद से लगातार खोज कर रहे हैं। हमें यहां जो भी मिलेगा, हम उसे बरामद करेंगे। हमारे पास ओवीएम और राफ्ट हैं। अगर किसी को कुछ दिखाई देता है, तो हम उसे बरामद करेंगे।
अधिकारियों के अनुसार, बस रुद्रप्रयाग से बद्रीनाथ जा रही थी, जो घोलतीर क्षेत्र में सामने से आ रहे एक वाहन से टकरा गई और 300 मीटर गहरी खाई में गिरकर अलकनंदा नदी में जा गिरी।