कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। यह राहत उन्हें भारतीय सेना पर कथित अपमानजनक टिप्पणी से जुड़े एक मामले में दी गई है। अदालत ने राहत देते हुए उनके खिलाफ चल रही कार्यवाही पर लगी रोक को आगे बढ़ा दिया है। कोर्ट इस पर अगली सुनवाई 4 दिसंबर को करेगा।
कोर्ट ने क्यों बढ़ाई रोक?
एक मीडिया एजेंसी के अनुसार जस्टिस एम एम सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने मामले की सुनवाई को स्थगित करते हुए यह रोक आगे बढ़ाई। कोर्ट ने बताया कि स्थगन के लिए एक पत्र दिया गया था। राहुल गांधी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें अधीनस्थ अदालत के समन आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को 29 मई को खारिज कर दिया गया था।
क्या था मामला?
यह मामला राहुल गांधी द्वारा दिसंबर 2022 में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना पर की गई टिप्पणी से संबंधित है। राहुल गांधी ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया था कि चीनी सेना ने सीमा पर भारत का 2,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र कब्जा लिया है और अरुणाचल प्रदेश से भारतीय जवानों को खदेड़ दिया है। यह मामला लखनऊ की एक अदालत में लंबित है। सुप्रीम कोर्ट ने चार अगस्त को इस मामले में आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी नाराज़गी
पिछले सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने राहुल गांधी के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाने का आदेश दिया था, लेकिन साथ ही उनकी टिप्पणी पर गहरी नाराजगी भी जताई थी।=
कोर्ट ने पूछे थे ये तीखे सवाल-
"आपको मीडिया या सोशल मीडिया पर ये सब कहने की क्या जरूरत थी? क्या आप वहां थे? आपको कैसे पता कि 2,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र कब्जा लिया गया है? क्या आपके पास कोई विश्वसनीय जानकारी है?"
बेंच ने स्पष्ट कहा था, "बिना किसी सबूत के आप ये बयान क्यों दे रहे हैं? अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो आप ऐसी बात नहीं कहेंगे।"
राहुल गांधी के वकील सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत बोलने की आजादी के अधिकार की दलील दी थी, जिस पर कोर्ट ने असहमति जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि उन्हें यह अधिकार है, लेकिन यह निरपेक्ष (Absolute) नहीं है।