पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि मंडी में कई लोग अपने घर परिवार सहित मलबे में बह गए, उनमें से जो बचे हैं, वे मायूस होकर लाचार घूम रहे हैं। उन्होंने खुशी है जताई है कि प्रदेश और केंद्र सरकार तथा कुछ लोग राहत कार्यों में सहायता कर रहे हैं, लेकिन इस बात की बहुत हैरानी है कि कंगना रणौत जैसे कुछ नेता और संपन्न लोगों ने राहत कोष के लिए अभी तक कोई सहायता नहीं दी है। कंगना रणौत प्रदेश की ऐसी योग्य और बहादुर बेटी है, जिसने एक साधारण गांव और परिवार से निकल कर भारत के फिल्म जगत में अपना शानदार नाम कमाया है। उसी योग्यता और परिश्रम से वह राजनीति में भी अपना नाम बना सकती है। अब वह राजनीति में आई हैं, तो उन्हें समाजसेवा की सभी बातें सीखनी होगी।
उन्होंने कंगना रणौत से आग्रह किया है कि वह अतिशीघ्र अपनी ओर से एक बड़ी रकम राहत कोष में दें और उसके बाद सिनेमा जगत के करोड़पति अपने मित्रों से धन संग्रह करके राहत कोष में योगदान करें। राज्यसभा मिला कर प्रदेश में छह सांसद हैं। उन की सांसद निधि भी 30 करोड़ होती है। आशा है कि इस धन का उपयोग भी राहत कार्यों में हो रहा होगा। उन्होंने कहा कि सौभाग्य से हिमाचल प्रदेश भारत के उत्तर के संपन्न पांच प्रदेशों में शामिल है। यदि कर्मचारी, अधिकारी, नेता तथा अन्य संपन्न लोग राहत कोष में धन दें, तो राहत कोष में करोड़ों रुपए इकट्ठा होता है। इस प्रकार की भयंकर आपदा में पूरे समाज को एकजुट होकर पूरी शक्ति से लगना पड़ेगा। आज आपदा पीडि़तों की सहायता ही भगवान की सच्ची पूजा है।