वाशिंगटन भारत के विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर ने अमरीका द्वारा रूसी तेल के प्रमुख खरीददारों पर 500 फीसदी टैरिफ लगाने की योजना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर भारत उस समय उचित कदम उठाएगा, जब यह सामने आएगा। जयशंकर ने इसे पुल को पार करने की तरह बताया, जिसका मतलब है कि भारत इस मामले में तभी कोई ठोस रुख अपनाएगा, जब स्थिति स्पष्ट होगी। जयशंकर अमरीका के चार दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने साफ किया कि भारत ने अमरीका के उस सांसद के सामने अपनी ऊर्जा सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर कर दी है, जिसने रूस से व्यापार करने वाले देशों पर 500 फीसदी शुल्क लगाने वाला विधेयक पेश किया है। जयशंकर ने वाशिंगटन में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि ऐसे घटनाक्रम, जो भारत के हित में हों या उस पर प्रभाव डाल सकते हों, हम उन्हें बेहद करीब से ट्रैक करते हैं।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार और भारतीय दूतावास अमरीकी रिपब्लिकन सेनेटर लिंडसे ग्राहम के संपर्क में हैं। ग्राहम वही सेनेटर हैं, जिन्होंने यह सख्त विधेयक पेश किया है। विधेयक पेश करते समय उन्होंने विशेष रूप से भारत और चीन का नाम लेते हुए आरोप लगाया था कि ये देश मिलकर पुतिन से 70 फीसदी तेल खरीद रहे हैं। जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि हमने अपनी ऊर्जा सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं और हितों को ग्राहम के साथ स्पष्ट रूप से साझा किया है। अब यह देखना होगा कि यह बिल कितना आगे बढ़ता है। जब समय आएगा, तो हम उस पुल को पार करेंगे।