चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि बारिश के मौसम में एक बार फिर बीजेपी सरकार की पोल खुल गई है। आज एक तरफ जहां, गलियों, सड़कों, हाईवे और खेतों में हर जगह लोगों को जलभराव का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ जहां तहां लगे कचरे के ढेर ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। इस सरकार की बदइंतजामी का हाल ये की हरियाणा के 6 नगर निगमों, 12 नगर परिषदों और 27 नगर पालिकाओं में कचरा उठाने व सफाई के टेंडर समाप्त होने के बाद नए टेंडर नही हुए।
इस वजह से 45 शहरों में कचरा उठान का काम कई दिनों से बंद पड़ा है। 19,000 टन कूड़ा सड़कों पर बिखरा हुआ है। बारिश के इस मौसम में सड़कों पर सड़ रहे इस कचरे से संक्रमण और कई बीमारियां फैलने के आसार तो है ही, साथ ही इससे सीवरेज भी जाम हो सकते हैं। यह स्थिति देखकर लगता है कि बीजेपी को हरियाणा की जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य से कोई वास्ता ही नहीं है। कोई बड़े व संरचनात्मक काम करना तो दूर, ये सरकार आधारभूत कामों को भी अंजाम देने में नाकाम साबित हो रही है।
हुड्डा ने कहा कि चिलचिलाती गर्मी के बीच जिस बारिश को राहत बनना चाहिए था, वह सरकारी बदइंतजामी के चलते आफत बन गई है। रोहतक की सड़कों से लेकर कुरुक्षेत्र के खेतों तक पानी ही पानी नजर आ रहा है। क्योंकि बार-बार चेताने के बावजूद ना तो सरकार ने समय रहते अपनी सीवरेज व्यवस्था को दुरुस्त किया और ना ही नदियों के तटबंधों को मजबूत किया।
यही वजह है कि शाहाबाद और कुरुक्षेत्र के दर्जनभर गांव में बाढ़ जैसे हालात हो गए। सिरसा के भी कई गांव में फ्लडी नहर में दरार आने की वजह से सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है। हर जगह प्रति एकड़ किसानों को कई-कई हजार रुपए का नुकसान हुआ है। हुड्डा ने किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए जल्द विशेष गिरदावरी करवाकर मुआवजा देने की मांग उठाई है।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में मौसम विभाग ने और तेज बारिश की भविष्यवाणी की है। ऐसी में लोग डरे हुए हैं, क्योंकि सरकार आंख बंद किया बैठी है।