चंडीगढ़ : पंजाब में सरकारी कॉलेजों के 1158 असिस्टेंट प्रोफेसरों और लाइब्रेरियनों की नौकरी पर मंडरा रहे संकट को टालने के लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सरकार ने अदालत में एक याचिका दायर कर अपने उस आदेश में संशोधन की मांग की है, जिससे इन शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गई थी।
शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी
पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सोमवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 14 जुलाई, 2025 के अपने आदेश को संशोधित करने का अनुरोध किया है। सरकार की अपील है कि छात्रों के हितों को देखते हुए इन सभी 1158 कर्मचारियों को कम से कम अस्थायी रूप से ही सही, अपने पदों पर काम जारी रखने की अनुमति दी जाए।
क्यों उठाया यह कदम?
मंत्री बैंस ने कहा कि सरकार का यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि कॉलेजों का शैक्षणिक कामकाज किसी भी तरह से प्रभावित न हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार इन पदों को बचाने और कॉलेजों में पढ़ाई की निरंतरता बनाए रखने के लिए हर संभव कानूनी उपाय तलाश रही है।