चंडीगढ़ : सड़क सुरक्षा को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से एक अहम पहल के तहत, पंजाब पुलिस के ट्रैफिक और सड़क सुरक्षा विंग की सड़क सुरक्षा फोर्स (एसएसएफ) ने शुक्रवार को एनएच-5 (मोहाली-चंडीगढ़) हाईवे पर स्थित भागो माजरा टोल प्लाजा से ‘‘हौली चलो’’ स्टिकर अभियान की शुरुआत की। उल्लेखनीय है कि यह अभियान यारा इंडिया द्वारा समर्थित है और एसएसएफ द्वारा लागू किया जा रहा है।
अभियान की शुरुआत करते हुए विशेष पुलिस महानिदेशक (स्पेशल डीजीपी) ट्रैफिक और सड़क सुरक्षा, पंजाब, ए.एस. राय ने बताया कि पहले चरण में एसएसएफ के 144 रूटों पर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर लगभग 30,000 रिफ्लेक्टर स्टिकर लगाए जाएंगे, जो कि पंजाब के लगभग 4,100 किलोमीटर प्रमुख सड़क हिस्सों को कवर करेंगे।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2017 से 2022 के बीच पंजाब में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से संबंधित 2,048 सड़क हादसे हुए, जिनमें 1,569 लोगों की मौत हुई। मृतकों में अधिकांश किसान थे। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि इस अवधि (2017 से 2022) में राज्य में सड़क हादसों से होने वाली कुल मौतों में से 5-6 प्रतिशत मौतें ट्रैक्टर-ट्रॉली हादसों में हुईं, जो सुरक्षा उपायों की आवश्यकता की ओर संकेत करती हैं।
ए.एस. राय ने कहा कि पंजाब के किसान, जो हमारे कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, उनकी सड़कों पर सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है। ‘‘हौली चलो’’ अभियान के माध्यम से न केवल वाहनों को दूर से देखना आसान होगा बल्कि यह सड़क सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देकर ट्रैक्टर-ट्रॉली से होने वाले हादसों में भी कमी लाएगा।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 के दौरान पंजाब में सड़क हादसों से होने वाली मौतों में कमी देखी गई है, विशेष रूप से हादसे के 24 घंटे के भीतर होने वाली मौतों में उल्लेखनीय गिरावट आई है। यह सकारात्मक बदलाव पंजाब पुलिस के ट्रैफिक और सड़क सुरक्षा विंग द्वारा प्रवर्तन, सड़क इंजीनियरिंग और जागरूकता से संबंधित पहलों के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है।
उन्होंने आगे कहा कि पंजाब भर में सभी एसएसएफ यूनिटें एक साथ यह अभियान शुरू करेंगी। मौजूदा समय में चल रहे कटाई के सीजन को ध्यान में रखते हुए, पंजाब पुलिस किसानों के जीवन की रक्षा और सुबह तथा देर शाम के समय कृषि वाहनों की सुरक्षित आवाजाही के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रही है।