शिमला : हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश आफत बनकर बरसी है। भारी बारिश और उसके कारण हुए भूस्खलन ने पूरे राज्य में जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रदेश की जीवनरेखा कही जाने वाली सड़कें टूट चुकी हैं, गांव-शहर अंधेरे में डूब गए हैं और लोग पीने के पानी की एक-एक बूंद के लिए मोहताज हो गए हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिले आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में तीन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) समेत कुल 869 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए पूरी तरह बंद हो गई हैं। इससे न केवल स्थानीय लोगों का संपर्क टूट गया है, बल्कि पर्यटन और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर भी गहरा संकट खड़ा हो गया है।
कुल्लू और मंडी जिले सबसे ज्यादा प्रभावित
आपदा की सबसे भयावह तस्वीर कुल्लू जिले से सामने आ रही है, जहां एनएच-03 और 305 सहित रिकॉर्ड 225 सड़कें मलबे में दबी हैं। इसके बाद मंडी जिला है, जहां 191 सड़कें बंद हैं। राजधानी शिमला में भी हालात बेहद खराब हैं, यहां 154 संपर्क मार्ग टूट चुके हैं। चम्बा में 116, सिरमौर में 48 , कांगड़ा में 45 और लाहौल-स्पीति में 11 समेत लगभग हर जिले में भूस्खलन ने तबाही मचाई है। किन्नौर को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण एनएच-05 भी (चौरा से वांगतू तक निगुलसरी और नाथपा में) अवरुद्ध है।
बिजली व्यवस्था ध्वस्त, अंधेरे में डूबे सैंकड़ों गांव
सड़कों के साथ-साथ बिजली का बुनियादी ढांचा भी बुरी तरह चरमरा गया है। राज्य भर में लगभग 1572 बिजली वितरण ट्रांसफार्मर ठप पड़ गए हैं, जिसके चलते सैंकड़ों गांव और कस्बे अंधेरे में डूब गए हैं। अकेले कुल्लू में 873 ट्रांसफार्मर बंद हैं, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। मंडी में 259, जबकि शिमला, चंबा और लाहौल-स्पीति में 142-142 ट्रांसफार्मरों ने काम करना बंद कर दिया है, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
पेयजल संकट ने बढ़ाई चिंता
पहाड़ों पर बारिश के बीच पीने के पानी का संकट सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। प्रदेश भर में 389 पेयजल आपूर्ति योजनाएं बाधित हो गई हैं। राजधानी शिमला में सबसे ज्यादा 183 योजनाएं ठप हैं, जिससे शहर में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। इसके अलावा, मंडी में 79 और कुल्लू में 63 पेयजल योजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिससे लोगों को गंदा पानी पीने या मीलों दूर से पानी लाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
सड़कों सहित बिजली-पानी की आपूर्ति बहाल करने का काम युद्धस्तर पर जारी
प्रशासन द्वारा सड़कों को खोलने और बिजली-पानी की आपूर्ति बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है, लेकिन लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण राहत कार्यों में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे लोगों की चिंताएं और बढ़ गई हैं।