पश्चिम बंगाल में मंगलवार से मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 80,000 से अधिक बूथ-स्तरीय अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर गणना फॉर्म वितरित कर रहे हैं। यह प्रक्रिया 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले संवेदनशील वोटों की जांच और सूची में सुधार के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह घर-घर गणना प्रक्रिया लगभग एक महीने तक चलेगी और 4 दिसंबर को समाप्त होगी।
पहले दिन तकनीकी समस्याओं का सामना
SIR की शुरुआत के पहले दिन कुछ तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा। ऑनलाइन फॉर्म वितरण बाधित रहा, जबकि BLO के रूप में तैनात सैकड़ों शिक्षकों को अपनी नियमित कक्षाओं के साथ चुनावी जिम्मेदारियों का संतुलन बनाने में परेशानी हुई।
चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुल 294 विधानसभा क्षेत्रों में यह प्रक्रिया संचालित की जा रही है। लगभग 7.66 करोड़ गणना फॉर्म तैयार किए गए हैं, जिनमें प्रत्येक मतदाता को दो प्रतियां दी जाएंगी। एक प्रतिलिपि मतदाता के पास रहेगी और दूसरी चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के लिए। उन्होंने कहा कि अब तक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है और उम्मीद है कि यह प्रक्रिया पूरे राज्य में सुचारू रूप से चलेगी।
23 साल बाद SIR
पश्चिम बंगाल में यह SIR प्रक्रिया पिछले 23 साल के अंतराल के बाद हो रही है। राज्य में पिछली बार यह प्रक्रिया 2002 में आयोजित की गई थी। हालांकि, बैकएंड तकनीकी समस्याओं के कारण मतदाता पोर्टल चालू नहीं हो पाया, जिससे ऑनलाइन वितरण योजना बाधित हुई। एक अधिकारी ने कहा कि यह सेवा कुछ दिनों में चालू होने की संभावना है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मतदाता सूचियों में पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में यह कदम स्वागत योग्य बताया है। वहीं, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने SIR की समय-सारिणी और मंशा पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि चुनाव आयोग बीजेपी के दबाव में काम कर रहा है ताकि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची में हेरफेर किया जा सके।
चुनावी महत्व
राजनीतिक विशेषज्ञ इस प्रक्रिया को चुनाव-पूर्व अभ्यास के रूप में देखते हैं। TMC और BJP दोनों ही सुनिश्चित कर रहे हैं कि उनके समर्थक मतदाता सूची में छूट न जाएं। चुनाव आयोग के कार्यक्रम के अनुसार, मसौदा मतदाता सूची 9 दिसंबर को प्रकाशित होगी। इसके बाद 9 दिसंबर से 8 जनवरी के बीच मतदाता दावे और आपत्तियां कर सकते हैं। सुनवाई और सत्यापन प्रक्रिया 31 जनवरी तक पूरी होगी। अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी को प्रकाशित होगी, जो अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक दो महीने पहले है।