चंडीगढ़ सावन के पावन महीने में चंडीगढ़ स्थित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) के 3500 से अधिक ठेका कर्मचारियों को केंद्र सरकार ने बड़ी सौगात दी है। वर्षों से न्यूनतम वेतन पर काम कर रहे इन कर्मचारियों को अब स्थायी कर्मचारियों के बराबर वेतन और भत्ते दिए जाएंगे। यही नहीं, पिछले 19 महीनों का वेतन अंतर, जो कि करीब 50 करोड़ रुपये बनता है, वह भी भुगतान किया जाएगा।
केंद्र सरकार के आदेश से बदलेगी जिंदगी
पीजीआई में कार्यरत सफाई कर्मचारी, वार्ड अटेंडेंट, सिक्योरिटी गार्ड, किचन व कैजुअल स्टाफ सालों से डीसी रेट यानी न्यूनतम दरों पर काम कर रहे थे। न तो उन्हें स्वास्थ्य लाभ मिलते थे, न अन्य सरकारी भत्ते। लंबे संघर्ष और प्रदर्शन के बाद आखिरकार केंद्र सरकार ने आदेश जारी कर दिया कि अब ठेका कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों के समान वेतन मिलेगा।
सम्मान और संघर्ष का परिणाम: JAC
संयुक्त एक्शन कमेटी (JAC) के चेयरमैन अश्वनी मुंजाल ने कहा,
"यह केवल वेतन का मामला नहीं है, बल्कि सम्मान का है। हमारे साथी कर्मचारियों ने कोरोना काल में भी बिना डरे मरीजों की सेवा की। यह उनका हक था जो अब उन्हें मिला है। यह ऐतिहासिक जीत है।"
कब से लागू होगा नया वेतनमान?
- नया वेतनमान जनवरी 2024 से लागू माना जाएगा।
- हर महीने करीब 3 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च PGIMER पर आएगा।
- 19 महीनों का बकाया कुल मिलाकर 50 करोड़ रुपये होगा।
- यह राशि चरणबद्ध तरीके से कर्मचारियों को दी जाएगी।
वेतन वृद्धि से कितना होगा फायदा?
कर्मचारी वर्ग |
पुराना वेतन (डीसी रेट) |
नया वेतन (अनुमानित) |
अंतर (प्रति माह) |
सफाई कर्मचारी |
₹10,000 – ₹12,000 |
₹18,000 – ₹22,000 |
₹8,000 – ₹10,000 |
वार्ड अटेंडेंट |
₹12,000 – ₹14,000 |
₹22,000 – ₹26,000 |
₹10,000 – ₹12,000 |
सिक्योरिटी गार्ड |
₹13,000 – ₹15,000 |
₹23,000 – ₹27,000 |
₹10,000 – ₹12,000 |
किचन/हाउसकीपिंग स्टाफ |
₹11,000 – ₹13,000 |
₹20,000 – ₹24,000 |
₹9,000 – ₹11,000 |
वेतन वृद्धि कर्मचारी के अनुभव, ड्यूटी समय और पदानुसार अलग-अलग हो सकती है।
कर्मचारियों में खुशी की लहर
पीजीआई के कर्मचारियों में इस निर्णय के बाद खुशी और संतोष की लहर है। वर्षों की मेहनत और लगातार आंदोलन के बाद अब उन्हें उनका वास्तविक हक मिल रहा है। कई कर्मचारी इसे "सावन का सबसे बड़ा तोहफा" बता रहे हैं।
भविष्य की राह
- कर्मचारी यूनियन अब चाहती है कि उन्हें स्थायी करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाए।
- प्रशासन से मांग की गई है कि भत्तों और चिकित्सा सुविधा जैसी अन्य सुविधाएं भी दी जाएं।
- कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर आदेश लागू करने में देरी हुई तो वे फिर से आंदोलन करेंगे।
यह फैसला न केवल कर्मचारियों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाएगा, बल्कि यह सामाजिक न्याय और गरिमा का प्रतीक भी है। चंडीगढ़ पीजीआई के कर्मचारी अब गर्व से कह सकते हैं कि "हमें अब हमारा सम्मान और हक दोनों मिला है।"