पंचकूला : सेक्टर-5 स्थित इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में आयोजित आयुर्वेद महोत्सव 2025 के अंतिम दिन भी आम जनता की भारी भीड़ देखने को मिली। बड़ी संख्या में लोग आयुर्वेद से संबंधित जानकारी लेने पहुंचे और प्रदर्शनी में लगे स्टॉलों से आयुर्वेदिक उत्पादों की खरीदारी करते नजर आए। महोत्सव के दौरान लोगों में आयुर्वेद के प्रति गहरी रुचि और जागरूकता स्पष्ट रूप से दिखाई दी।
महोत्सव के अंतिम दिन आयुर्वेदिक प्रदर्शनी का आयोजन करने वाले संचालकों ने बताया कि तीन दिवसीय यह आयुर्वेद महोत्सव बेहद सफल रहा। इस दौरान हजारों लोगों ने यहां पहुंचकर आयुर्वेद से जुड़ी जानकारियां प्राप्त कीं। आयोजकों के अनुसार, लोगों का रुझान तेजी से आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सा की ओर बढ़ रहा है।
आयुर्वेद फाउंडेशन के संचालक डॉक्टर विराज एवं महोत्सव के आयोजक डॉ ऋषभ दीक्षित ने बताया कि बदलती जीवनशैली और बढ़ती बीमारियों के इस दौर में आयुर्वेद एक प्रभावी, सुरक्षित और भरोसेमंद चिकित्सा पद्धति के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाला समय आयुर्वेद का है और भारत के पास इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर नेतृत्व करने की अपार संभावनाएं हैं।
आयुर्वेद फाउंडेशन के निदेशक ने जानकारी देते हुए कहा कि यह आयोजन समग्र चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हुआ है। देशभर से आए आयुर्वेद विशेषज्ञों ने अपने शोध, अनुभव और आधुनिक दृष्टिकोण साझा किए, जिससे आयुर्वेद के वैज्ञानिक आधार को और मजबूती मिली है।
कार्यक्रम में प्रमुख विशेषज्ञों के रूप में अजीत पाल सिंह, संचित शर्मा, तरनजीत सिंह भरना, रामपाल सोमानी और हितेश जानी उपस्थित रहे। इन विशेषज्ञों ने आयुर्वेद की आधुनिक दिशा, तकनीकी उन्नति और वैश्विक संभावनाओं पर अपने विचार साझा किए, जिससे कार्यक्रम की गरिमा और प्रभाव और भी बढ़ गया।
महोत्सव के सफल संचालन में आयोजन टीम का विशेष योगदान रहा। आयोजन टीम में ऋषभ दीक्षित, जय सोनी, मन्या दीक्षित, योगिता भाटी और सिद्धि मिश्रा शामिल रहे। उनकी योजनाबद्ध कार्यशैली और बेहतर समन्वय के चलते महोत्सव पहले दिन से ही सुव्यवस्थित और प्रभावशाली बना रहा।
प्रदर्शनी में 4000 से अधिक चिकित्सक, देशभर से आए आयुर्वेदाचार्य तथा 100 से अधिक औषधि निर्माता अपनी शोध आधारित औषधियां और आधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके साथ ही निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, योग सत्र, परामर्श केंद्र और दवा वितरण स्टॉलों पर पूरे दिन भारी भीड़ उमड़ती रही, जिससे आम जनता को प्रत्यक्ष लाभ मिला।
आयुर्वेदिक संस्थानों के विशेषज्ञों ने बताया कि उनके कई उत्पादों को लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। वहीं मुंबई से आई एक कंपनी की प्रतिनिधि ने बताया कि उनके आयुर्वेदिक उत्पादों की अच्छी बिक्री हो रही है, खासकर “कूल लिप” उत्पाद को लेकर लोगों में खासा रुझान देखने को मिल रहा है।
कुल मिलाकर पंचकूला में आयोजित यह आयुर्वेद महोत्सव न केवल आयुर्वेद की वैज्ञानिकता को जन-जन तक पहुंचाने में सफल रहा, बल्कि लोगों में प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति नया विश्वास और जागरूकता भी पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।