कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि देश में बेरोजगारी चरम पर पहुंच चुकी है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस समस्या को सुलझाने के बजाय जनता का ध्यान भटकाने के लिए नए-नए भाषणों के आविष्कार में लगे रहते हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने 'सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी' (सीएमआईई) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि बेरोजगारी दर 7.5 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच चुकी है। रमेश ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘पिछले 11 वर्षों के कुशासन में सभी वर्गों पर चौतरफा मार पड़ी है।
छात्र, युवा, किसान, मज़दूर, कामगार, दुकानदार, कर्मचारी, व्यापारी-एक भी वर्ग इस सरकार से खुश नहीं है। महंगाई आसमान छू रही है, रुपये की क़ीमत लगातार गिर रही है और अमीर-गरीब के बीच का अंतर बढ़ता ही जा रहा है, जिससे गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों का जीवन दूभर हो गया है।'' उन्होंने कहा कि बढ़ती बेरोजगारी बेहद चिंता का विषय बन गई है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ सीएमआईई की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक़ अक्टूबर 2025 में देश की बेरोजगारी दर बढ़कर 7.5 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो बीते छह महीनों में सबसे ऊंचा स्तर है।
निर्माण और आईटी-बैंकिंग समेत कई सेक्टर में लाखों लोगों की नौकरियां चली गई हैं। निर्माण उद्योग में 90 लाख से ज़्यादा लोगों ने काम खोया है, जबकि वेतनभोगी नौकरियों की संख्या 25 लाख कम हो गई है।'' रमेश ने दावा किया कि पिछले 11 वर्ष में हर बार ऐसे ही डरावने आंकड़े सामने आए हैं लेकिन प्रधानमंत्री मोदी को मानो देश के युवाओं से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री हमेशा चुनावी मोड में रहकर, बेरोजगारी की समस्या को सुलझाने के बजाय जनता का ध्यान भटकाने के लिए नए-नए भाषणों के आविष्कार में लगे रहते हैं।