प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार से तमिलनाडु के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। वह ब्रिटेन और मालदीव की सफल विदेश यात्राओं के तुरंत बाद आज शाम करीब 8 बजे सीधे तूतीकोरिन पहुंचेंगे। यहां वे 4800 करोड़ रुपये से अधिक लागत की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कर राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इन परियोजनाओं का उद्देश्य तमिलनाडु में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देना, स्वच्छ ऊर्जा ढांचे को मजबूत करना और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।
प्रधानमंत्री तूतीकोरिन एयरपोर्ट पर लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत से बने नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे। यह अत्याधुनिक टर्मिनल 17,340 वर्गमीटर में फैला है और एक समय में 1,350 यात्रियों को संभाल सकता है। भविष्य में इसकी क्षमता 1,800 यात्रियों और सालाना 25 लाख तक बढ़ाई जा सकती है। इसमें 100% एलईडी लाइटिंग, ऊर्जा-कुशल सिस्टम और अपशिष्ट जल के पुनः उपयोग की सुविधा है। यह टर्मिनल दक्षिण तमिलनाडु में हवाई संपर्क को नई गति देगा।
वहीं सड़क क्षेत्र में प्रधानमंत्री दो प्रमुख राजमार्ग परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। पहली परियोजना विक्रवंडी-तंजावुर कॉरिडोर के तहत NH-36 के सेथियाथोप-चोलपुरम 50 किलोमीटर खंड का चार लेन में चौड़ीकरण है, जिसकी लागत 2350 करोड़ रुपये है। इसमें तीन बायपास, एक किलोमीटर लंबा कोल्लिडम नदी पर पुल, चार बड़े पुल, सात फ्लाईओवर और कई अंडरपास शामिल हैं। इससे यात्रा समय में 45 मिनट की कमी आएगी और डेल्टा क्षेत्र की कृषि और सांस्कृतिक कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। दूसरी परियोजना NH-138 पर 5.16 किलोमीटर लंबे तूतीकोरिन पोर्ट रोड का छह लेन में चौड़ीकरण है, जिसकी लागत लगभग 200 करोड़ रुपये है। इससे पोर्ट के आस-पास औद्योगिक क्षेत्र के लिए माल परिवहन सुगम होगा।
पीएम मोदी बंदरगाह विकास के तहत वी.ओ. चिदंबरनार पोर्ट पर नॉर्थ कार्गो बर्थ-III का उद्घाटन करेंगे, जिसकी लागत 285 करोड़ रुपये है और जो 6.96 मिलियन मीट्रिक टन सालाना कार्गो हैंडलिंग की क्षमता रखता है। इससे क्षेत्र में थोक माल की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी और बंदरगाह की समग्र कार्यक्षमता बढ़ेगी।
इसके अलावा प्रधानमंत्री रेलवे क्षेत्र में भी तीन प्रमुख परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इनमें 90 किलोमीटर लंबी मदुरै-बोदिनायक्कनूर रेलखंड का विद्युतीकरण शामिल है, जो पर्यावरण के अनुकूल परिवहन और स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देगा। साथ ही 650 करोड़ रुपये की लागत से 21 किलोमीटर लंबे नागरकोइल टाउन–कन्याकुमारी खंड का दोहरीकरण, और अरलवयमोझी-नागरकोइल जंक्शन (12.87 किमी) तथा तिरुनेलवेली-मेलप्पलायम (3.6 किमी) खंडों का दोहरीकरण भी किया जाएगा। इन परियोजनाओं से चेन्नई-कन्याकुमारी जैसे प्रमुख मार्गों पर यात्रा समय घटेगा और माल तथा यात्री परिवहन की क्षमता बढ़ेगी।
ऊर्जा क्षेत्र में प्रधानमंत्री 550 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जा रही अंतर-राज्यीय ट्रांसमिशन प्रणाली (ISTS) की आधारशिला रखेंगे। यह परियोजना कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की यूनिट 3 और 4 (2×1000 मेगावाट) से 400 केवी डबल-सर्किट ट्रांसमिशन लाइन के जरिए तूतीकोरिन-2 जीआईएस सबस्टेशन तक बिजली पहुंचाएगी। इससे राष्ट्रीय ग्रिड को मजबूती मिलेगी और स्वच्छ ऊर्जा की विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
वहीं 27 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तिरुचिरापल्ली जिले के गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर जाएंगे, जहां वे दोपहर लगभग 12 बजे आदि तिरुवथिरई महोत्सव में भाग लेंगे। यह महोत्सव महान चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती और उनकी दक्षिण-पूर्व एशिया की ऐतिहासिक समुद्री विजय यात्रा की 1000वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री उनके सम्मान में एक स्मारक सिक्का भी जारी करेंगे। राजेंद्र चोल प्रथम (1014–1044 ई.) भारत के इतिहास के सबसे शक्तिशाली सम्राटों में माने जाते हैं, जिन्होंने गंगईकोंडा चोलपुरम को राजधानी बनाया था और वहां भव्य मंदिर का निर्माण कराया था, जो आज यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। यह मंदिर चोल वास्तुकला, शैव भक्ति और प्रशासनिक प्रतिभा का प्रतीक है। पीएम मोदी का यह दौरा तमिलनाडु के बुनियादी ढांचे को नया आयाम देने के साथ-साथ उसकी सांस्कृतिक विरासत को भी राष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। -