केंद्र सरकार की वित्तीय सेवा विभाग ने 1 जुलाई 2025 को शुरू किए तीन महीने के राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत अब तक 1.4 लाख से अधिक नए प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) खाते खोले हैं। इसके साथ ही तीन जन सुरक्षा योजनाओं के तहत 5.4 लाख से अधिक नए नामांकन भी किए हैं। यह अभियान 30 सितंबर तक चलेगा और इसका उद्देश्य देश के हर ग्राम पंचायत और शहरी निकाय तक इन योजनाओं की पहुंच बढ़ाना है।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक इस अभियान में प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) और अटल पेंशन योजना (APY) को बढ़ावा देने पर खास जोर दिया जा रहा है। यह पहल हर पात्र नागरिक को इन योजनाओं के लाभ दिलाने के उद्देश्य से की गई है। 1 जुलाई से अभियान शुरू होने के बाद अब तक देश भर के विभिन्न जिलों में 43,447 विशेष शिविर लगाए जा चुके हैं, जिनमें लोगों को वित्तीय योजनाओं की जानकारी दी गई और नामांकन किया गया।
इस अभियान के अंतर्गत लगभग 2.70 लाख ग्राम पंचायतों और शहरी निकायों को कवर किया जाएगा, जिससे अंतिम छोर तक वित्तीय सेवाएं पहुंचाई जा सकें। सरकार का यह कदम आर्थिक और सामाजिक रूप से वंचित वर्गों को औपचारिक वित्तीय सेवाओं से जोड़ने के लिए उठाया गया है, ताकि समावेशी आर्थिक विकास को गति मिल सके।
जन धन योजना के तहत अब तक देश में कुल 55.44 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं, जिनमें से 56 प्रतिशत खातों की मालिक महिलाएं हैं। इन खातों में कुल जमा राशि 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी है (21 मई 2025 तक)। वित्त मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि मीडिया में जो रिपोर्टें सामने आई थीं कि जन धन योजना के निष्क्रिय खातों को बंद किया जाएगा, वे गलत हैं। मंत्रालय ने साफ किया है कि उसने बैंकों को निष्क्रिय जन धन खाते बंद करने का कोई निर्देश नहीं दिया है।
सरकार की वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) पहल का मुख्य उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को बैंकिंग और बीमा जैसी आवश्यक सेवाएं मिलें, खासकर उन लोगों को जो अब तक औपचारिक बैंकिंग व्यवस्था से बाहर थे। इस अभियान से न केवल आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।