दोहा; कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने कहा है कि इजरायल और फिलिस्तीनी आंदोलन हमास के बीच संघर्ष विराम समझौते को कई उल्लंघनों के कारण पूरी तरह से लागू नहीं किया गया। गौरतलब है कि इजरायल और हमास के बीच तीन-चरणीय संघर्ष विराम समझौता जनवरी 2025 में अमेरिका, मिस्र और कतर की मध्यस्थता के साथ पार्टियों द्वारा किया गया था। हालांकि, मार्च में संघर्ष विराम का पालन नहीं किया गया।
श्री अल थानी ने सोमवार को द वाशिंगटन पोस्ट अखबार को बताया, “एक मध्यस्थ के रूप में मैं यथासंभव किसी पक्ष की आलोचना न करने की कोशिश करता हूं, लेकिन पहले समझौते में कई समस्याएं और उल्लंघन हुए थे, जिससे हम पक्षों के बीच विश्वास जीतने की अनुमति नहीं दे सके और सौदे के दूसरे चरण को जारी रख सकें।”
उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अपने पश्चिम एशिया के दौरे (जिसमें दोहा की यात्रा भी शामिल है) के दौरान फिलिस्तीनी के पक्ष में बोलेंगे या नहीं। उन्होंने कहा, "हमने ऐसा कुछ नहीं सुना, लेकिन यह अंतिम समाधान है। कतर शुरू से ही दो-राज्य समाधान में दृढ़ विश्वास रखता है।" उन्होंने कहा कि श्री ट्रम्प के साथ वार्ता के दौरान कई पहलुओं पर चर्चा की जाएगी, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा और रक्षा हैं।
गौरतलब है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ के साथ बैठक के बाद सोमवार को कहा था कि गाजा पट्टी में समझौते और बंधकों की रिहाई पर बातचीत जारी रखने के लिए 13 मई को कतर में एक प्रतिनिधिमंडल भेजा जाएगा।