नई दिल्ली। निजी टैलिकॉम कंपनियों के रिचार्ज प्लान महंगे होने के बाद भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के हाथ बड़ा मौका लगा था। रिचार्ज महंगे होने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने निजी कंपनियों को छोड़ BSNL में अपना सिम पोर्ट करवा लिया, जिससे कंपनी के लाखों यूजर्स बढ़ गए। लेकिन BSNL हाथ आए इस मौके पर भुना नहीं सका और कुछ ही समय बाद ये यूजर्स BSNL के स्लो नेट और सिग्नल प्रॉब्लम से तंग आकर वापस निजी कंपनियों में अपने Sim पोर्ट करवाने लगे। इसी बीच अब मध्य प्रदेश पुलिस ने भी BSNL को बड़ा झटका दिया है। पुलिस ने 80 हजार से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की BSNL सिम अब Airtel में पोर्ट की जाएंगे। इस संबंध में बाकायदा आदेश जारी हो चुके हैं।
दरअसल नए कानून भारतीय न्याय संहिता के तहत वीडियो रिकॉर्डिंग को सर्वर पर सहेजना हो या अधिकारियों-कर्मचारियों को दस्तावेज भेजना हो, इन कार्यों के लिए BSNL का 3जी और 4जी नेटवर्क ही अपलब्ध था, जिसमें फाइल डाउनलोड या अपलोड करने में काफी परेशानी होती थी। प्रदेश के कई इलाकों में BSNL का नेटवर्क अपलब्ध ही नहीं था। इस समस्या से निजात पाने के लिए पुलिस विभाग ने करीब 80 हजार क्लोज्ड यूजर ग्रुप सिमकार्ड को BSNL से हटाकर Airtel में पोर्ट करने का फैसला लिया है।
बता दें कि पुलिस ने पहली बार 2009 में BSNL के 9000 से अधिक सिमकार्ड खरीदे थे ताकि थाने के स्टाफ का नंबर कभी न बदले। इसका मतलब है कि यदि कोई थाना प्रभारी तबादले के बाद दूसरी जगह तैनात होता है तो उस थाने का संपर्क नंबर वही रहेगा, जिससे मदद मांगने वाले लोग परेशान न हों। जरूरत पढ़ने पर पुलिस दूरसंचार शाखा ने 70000 और सिमकार्ड खरीदे थे। कुल मिलाकर करीब 80000 सिमकार्ड अब BSNL से Aitel में पोर्ट किए जा रहे हैं।