दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए लागू किए गए पुराने वाहनों पर ईंधन बैन के पहले दिन सिर्फ 80 वाहनों को जब्त किया गया। एक जुलाई से लागू हुई इस नई व्यवस्था के तहत राजधानी के पेट्रोल पंपों पर 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहनों को फ्यूल देने पर रोक लगा दी गई है।
कम संख्या का कारण—पहले ही दिन वाहन सड़कों पर कम निकले
दिल्ली परिवहन आयुक्त निहारिका राय ने बताया कि पहले दिन जब्त किए गए कुल 80 वाहनों को सभी संबंधित एजेंसियों ने मिलकर पकड़ा। उन्होंने कहा कि आंकड़ा कम इसलिए रहा क्योंकि लोगों ने इस दिन सड़कों पर कम वाहन निकाले। हालांकि उन्होंने इस बात पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि आगे चलकर यह संख्या बढ़ेगी या नहीं।
राजधानी में 60 लाख से ज्यादा पुराने वाहन अभी भी सड़कों पर दौड़ रहे
आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक, दिल्ली में अब तक 60.14 लाख से अधिक वाहन डीरजिस्टर किए जा चुके हैं, लेकिन इनका एक बड़ा हिस्सा अब भी सड़कों पर चल रहा है। VAHAN पोर्टल के आंकड़े बताते हैं कि शहर में कुल 62 लाख से ज्यादा ऐसे वाहन हैं, जिनमें 41 लाख दोपहिया और 18 लाख चारपहिया वाहन शामिल हैं।
ईंधन बैन के लिए हाईटेक निगरानी, 498 पेट्रोल पंपों पर लगे कैमरे
बैन के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राजधानी के 498 पेट्रोल पंपों और तीन प्रमुख बस अड्डों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं। यह कैमरे तुरंत नंबर प्लेट स्कैन कर VAHAN डेटाबेस से वाहन की जानकारी मिलाते हैं और यदि वाहन बैन की श्रेणी में आता है तो उसे फ्यूल देने से रोक दिया जाता है। इस डेटा को संबंधित प्रवर्तन एजेंसियों को भेजा जाता है, जो वाहन को जब्त करने या स्क्रैप करने की कार्रवाई करती हैं।
अब तक 1.36 लाख वाहन पाए गए प्रतिबंध के दायरे में, PUCC में भी तेजी
1 जून से 23 जून 2025 के बीच लगभग 77.8 लाख वाहनों की ANPR सिस्टम से जांच की गई, जिनमें से 1.36 लाख वाहन ऐसे थे जो EoL श्रेणी में आते हैं। इसी अवधि में लगभग 8.05 लाख वाहन मालिकों ने अपने प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUCC) का नवीनीकरण कराया, जो इस अभियान की सफलता की एक अहम कड़ी मानी जा रही है।
पुलिस और परिवहन विभाग ने की संयुक्त कार्रवाई, 16 वाहन सीधा पेट्रोल पंप से जब्त
दिल्ली ट्रैफिक मैनेजमेंट के स्पेशल कमिश्नर अजय चौधरी ने जानकारी दी कि अब तक कुल 16 पुराने वाहन सीधे पेट्रोल पंपों से जब्त किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया और जन जागरूकता अभियानों के चलते लोग अब नियमों को लेकर सतर्क हो गए हैं, जिसके कारण पुराने वाहन सड़क पर निकलना कम हो गए हैं।
अब एनसीआर के अन्य जिलों की बारी, नवंबर से और कड़ा होगा नियम
दिल्ली के बाद अब यह ईंधन बैन 1 नवंबर 2025 से गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और सोनीपत में लागू किया जाएगा। इसके बाद शेष एनसीआर क्षेत्रों में यह बैन 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा। दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग की 100 से अधिक टीमें फिलहाल रीयल टाइम डेटा की निगरानी कर रही हैं और उन पेट्रोल पंपों की पहचान कर रही हैं जहां ई-ओ-एल वाहनों की आवाजाही अधिक है।