नई दिल्ली; नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। ईडी ने अदालत में दावा किया है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के अधिग्रहण में फर्जी लेन-देन किया गया। ईडी की तरफ से पेश असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि यंग इंडियन नामक कंपनी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया। एजेएल की संपत्ति 2000 करोड़ रुपए है। एजेएल के अधिग्रहण के लिए ही यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड को बनाया गया था।
एसवी राजू ने बताया कि एजेएल के निदेशक ने ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया कि वे कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं हैं, क्योंकि अखबार का प्रकाशन बंद हो चुका है और उनके पास आय का कोई नियमित साधन नहीं है। एसवी राजू ने कहा कि यंग इंडियन में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा प्रबंधकीय पदों पर थे। कंपनी एजेएल के पास करीब 2000 करोड़ रुपए की संपत्ति है, जिसका 90 करोड़ रुपए के कर्ज के बदले अधिग्रहण कर लिया गया। यह एक धांधली है, जिसमें कोई असल लेन-देन नहीं हुआ। एजेएल का अधिग्रहण कांग्रेस ने नहीं किया, बल्कि यंग इंडियन ने किया। यह एक साजिश के तहत किया गया। ईडी ने कहा कि कांग्रेस ने न ही ब्याज दिया और न ही जमानत और 90 करोड़ रुपए के कर्ज को सिर्फ 50 लाख रुपए में बेचा गया।