एक समय था जब उत्तर-पूर्वी राज्य केवल विकास के सपने ही देखा करते थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में ये राज्य निरंतर प्रगति के नए आयाम गढ़ रहे हैं। इसी कड़ी में सुदूर अरुणाचल प्रदेश ने आपातकालीन और चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में एक ऐसी पहल शुरू की है, जो न केवल राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
आसमान से दवाएं डिलीवरी करने का सपना अब होगा पूरा
अरुणाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बनने जा रहा है जहां पर ‘आसमान से दवाएं’ डिलीवरी करने का सपना पूरा होने जा रहा है। अरुणाचल प्रदेश के नाहरलागुन नामक शहर में स्थित अस्पताल में ये शुभारंभ हो रहा है।
अब ड्रोन के माध्यम से आवश्यक दवाएं लोगों तक तेजी से पहुंचाई जाएंगी
टोमो रिबा इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल साइंसेज (TRIHMS) में एक अत्याधुनिक ड्रोन पोर्ट का उद्घाटन किया गया है। यह ड्रोन पोर्ट अस्पताल की छत पर स्थापित किया गया है, जहां से ड्रोन के माध्यम से लोगों तक आवश्यक दवाएं तेजी से पहुंचाई जाएंगी।
अरुणाचल प्रदेश का लगभग 80% क्षेत्र पहाड़ी हैं
राज्य के दुर्गम स्थानों तक द्रुत गति से दवा पहुंचाने के लिए अस्पताल ने ये नया रास्ता अपनाया है। अरुणाचल प्रदेश का लगभग 80% क्षेत्र पहाड़ी हैं, जिसके कारण सड़क निर्माण चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यहां एक महत्वपूर्ण सड़क नेटवर्क भी है।
राज्य में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं में बहुत बड़ा बदलाव आने की उम्मीद
पहाड़ी इलाकों में मरीजों तक समय पर चिकित्सा सुविधा पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में ज़रूरी दवाएं लोगों तक पहुंचाने के लिए यह अनोखी पहल की गई है। खास बात यह है कि केवल दवाएं ही नहीं, बल्कि आपात स्थिति में किसी ऑपरेशन के लिए मानव अंग भी ड्रोन के माध्यम से भेजे जा सकते हैं। अरुणाचल प्रदेश अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (एपीएसएसी) द्वारा विकसित इस सुविधा से राज्य में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं में बहुत बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है।
ड्रोन के रखरखाव के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध
इसका उद्घाटन अस्पताल के निदेशक डॉ मोजी जिनी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ डी रैना, अरुणाचल प्रदेश अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (एपीएसएसी) के निदेशक डॉ एच दत्ता, संयुक्त निदेशक डॉ लियागी ताजो, उप निदेशक नेयलाम ताथ, उप निदेशक चाऊ केन मंलोंग और अन्य की उपस्थिति में किया। चाहे ड्रोन वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (वीटीओएल) हो या शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग (एसटीओएल) हो, साथ ही ड्रोन के रखरखाव सुविधाओं जैसी आवश्यक बुनियादी संरचना भी यहां उपलब्ध है।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में आपातकालीन स्थिति में दवा के साथ मानव अंगों की समय पर डिलीवरी की सुविधा मिलेगी
इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ. जिनी ने ड्रोन पोर्ट की स्थापना के लिए एपीएसएसी टीम की सराहना की, जिससे राज्य के विभिन्न हिस्सों में आपातकालीन स्थिति में दवाओं, एंटी-वेनम दवाओं और मानव अंगों की समय पर डिलीवरी की सुविधा मिलेगी।