दक्षिण कोरिया (आरओके) के विशेष दूतों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट की। पीएम मोदी ने भारत-दक्षिण कोरिया विशेष रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किम बू क्यूम ने किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति जेम्यांग ली के साथ अपनी हाल में हुई सकारात्मक बैठक का स्मरण करते हुए, दस वर्ष से जारी भारत-दक्षिण कोरिया विशेष रणनीतिक साझेदारी को ओर प्रगाढ़ करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने नवाचार, रक्षा, पोत निर्माण और कुशल गतिशीलता सहित प्रमुख क्षेत्रों में भागीदारी के निरंतर विकास पर प्रकाश डाला।
बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “श्री किम बू क्यूम के नेतृत्व में दक्षिण कोरिया के विशेष दूतों के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता हुई। गत माह राष्ट्रपति श्री जेम्यांग ली के साथ हुई मेरी सकारात्मक भेंट का स्मरण कर रहा हूं। 10 वर्ष पूर्ण कर रही भारत-दक्षिण कोरिया विशेष रणनीतिक भागीदारी नवाचार और रक्षा से लेकर पोत निर्माण और कुशल गतिशीलता तक निरंतर विकसित हो रही है। दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि में योगदान कर रहा है।”
इससे पहले दिन में, उच्च स्तरीय दक्षिण कोरियाई प्रतिनिधिमंडल ने विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर से मुलाकात की और दोनों पक्षों ने लोगों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी, रक्षा और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की।
भारत ने दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी को और बढ़ावा देने के उद्देश्य से नए दक्षिण कोरियाई प्रशासन के साथ सक्रिय रूप से जुड़ने की पुष्टि की। विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स पर कहा कि आज सुबह दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री किम बू क्यूम के नेतृत्व में भारत में कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति जेम्यांग ली के विशेष दूतों के प्रतिनिधिमंडल से मिलकर प्रसन्नता हुई। आर्थिक, तकनीकी, रक्षा और समुद्री सहयोग पर चर्चा हुई। साथ ही लोगों के बीच आपसी आदान-प्रदान को बढ़ाने पर भी चर्चा हुई।
भारत और दक्षिण कोरिया ने 2010 में ‘रणनीतिक साझेदारी’ शुरू की थी, जिसे 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सियोल की राजकीय यात्रा के दौरान ‘विशेष रणनीतिक साझेदारी’ के रूप में उन्नत किया गया था। वहीं, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने रविवार को भारत, यूरोपीय संघ (ईयू), फ्रांस और ब्रिटेन के लिए विशेष दूत नियुक्त किए। राष्ट्रपति कार्यालय ने यह जानकारी व्यापक कूटनीतिक प्रयासों के तहत दी गईं।