सिरसा: (सतीश बंसल) श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहादत वर्ष के उपलक्ष्य में राजकीय नैशनल महाविद्यालय, सिरसा में 4-5 अक्तूबर को दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। यह निर्णय पंजाबी साहित्य अकादमी, लुधियाना से संबंधित सिरसा ज़िला के सदस्यों; पंजाबी लेखक सभा, सिरसा; पंजाबी विभाग, राजकीय नैशनल महाविद्यालय, सिरसा व अन्य साहित्यिक संगठनों के प्रतिनिधियों की राजकीय नैशनल महाविद्यालय, सिरसा में आयोजित बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता राजकीय नैशनल महाविद्यालय, सिरसा के प्राचार्य प्रो. हरजिंदर सिंह, पंजाबी विभागाध्यक्ष एवं पंजाबी साहित्य अकादमी, लुधियाना के उपाध्यक्ष डॉ. हरविंदर सिंह सिरसा, पंजाबी लेखक सभा, सिरसा के अध्यक्ष परमानंद शास्त्री, पंजाबी साहित्य सभा, कालांवाली के अध्यक्ष भूपिंदर पन्नीवालिया, नामधारी साहित्य सभा, श्री जीवन नगर के अध्यक्ष लखविंदर सिंह बाजवा; पंजाबी साहित्य सभा, अमृतसर कलां के अध्यक्ष मुख्त्यार सिंह चट्ठा, पंजाबी सत्कार सभा, सिरसा के महासचिव सुखदेव सिंह ढिल्लों व प्रलेस सिरसा के अध्यक्ष डॉ. गुरप्रीत सिंह सिंधरा पर आधारित अध्यक्षमंडल ने की। इस अवसर पर यह निर्णय लिया गया कि इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन पंजाबी साहित्य अकादमी, लुधियाना के तत्वावधान में पंजाबी लेखक सभा, सिरसा व पंजाबी विभाग, राजकीय नैशनल महाविद्यालय के सहयोग से राजकीय नैशनल महाविद्यालय, सिरसा के मल्टीपर्पज़ हॉल में किया जाएगा। 4 अक्तूबर को प्रातः 20 बजे शुरू होने वाले इस सेमिनार के छः सत्र होंगे जिनमें से एक सत्र में कवि दरबार का आयोजन होगा और एक सत्र में विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के शोधार्थी अपने शोध-पत्र प्रस्तुत करेंगे जबकि अन्य सत्रों में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा व अन्य क्षेत्रों से विद्वान 'गुरु तेग बहादुर जी: शब्द एवं शहादत' बिषय व इससे संबंधित उप-विषयों के बारे अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। सेमिनार में सहभागिता दर्ज़ करवाने वाले सभी प्रतिनिधियों को प्रमाण-पत्र प्रदत्त किए जाएंगे और प्रस्तुत पत्रों/शोध-पत्रों को पंजाबी साहित्य अकादमी, लुधियाना की शोध पत्रिका 'आलोचना' में प्रकाशित किया जाएगा और इन पर आधारित एक पुस्तक का संपादन भी किया जाएगा। बैठक में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने सेमीनार के सफ़ल आयोजन हेतु हर संभव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर प्रो. हरजिंदर सिंह, डॉ. हरविंदर सिंह सिरसा, परमानंद शास्त्री, सुरजीत सिंह सिरड़ी, अनीश कुमार, डॉ. गुरप्रीत सिंह सिंधरा, डॉ. शेर चंद, भुपिंदर पन्नीवालिया, प्रभु दयाल, लखविंदर सिंह बाजवा, कॉ. स्वर्ण सिंह विर्क, कॉ. राज कुमार शेखुपुरिया, प्रो. हरभगवान चावला, रमेश शास्त्री, डॉ. जोगिंदर सिंह, डॉ. प्रीत कौर, करतार सिंह, छिंदर कौर सिरसा, डॉ. माँगा राम, करतार सिंह, हरदेव पुरेवाल, कुलदीप सिरसा, मुख्त्यार सिंह चट्ठा, हरजीत सिंह देसूमलकाना, छिंदरपाल सिंह देओल, साथी सुरिंदरपाल सिंह, जसवंत कौर, डॉ. सिकंदर सिंह सिद्धू, बिट्टू मलिकपुरा, अमृत कौर, अमनदीप कौर, मुस्कान, सिमरन, नवनीत सिंह रेणु, सुनील कुमार, बूटा सिंह, सुखदेव सिंह ढिल्लों, कुलदीप सिंह, बहादर सिंह, हरमीत सिंह इत्यादि समेत विशाल संख्या में प्रबुद्धजन ने विशाल संख्या में अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज़ करवाई।