मध्य पूर्व में हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं। इजराइल ने गाजा में अपने हमलों का दायरा और बढ़ाते हुए सोमवार को बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए, जिनमें कम से कम 31 लोगों की मौत हो गई। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इनमें से आधे से ज्यादा महिलाएं और बच्चे थे। वहीं, इजराइल ने मंगलवार से हजारों आरक्षित सैनिकों की लामबंदी शुरू कर दी है, ताकि उत्तरी और मध्य गाजा में सैन्य कार्रवाई और तेज की जा सके।
गाजा सिटी और जबालिया शरणार्थी शिविर में लगातार धमाके सुने गए। निवासियों के अनुसार, इजराइली सेना ने विस्फोटक से लैस रोबोट्स से कई इमारतों को ध्वस्त किया। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि युद्ध शुरू होने से अब तक 63,557 फिलीस्तीनियों की मौत हो चुकी है और 1.6 लाख से अधिक घायल हुए हैं। अगस्त 2025 में ही भुखमरी के कारण 186 लोगों की जान गई जो किसी एक महीने में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
इजराइल का कहना है कि उसके हमले केवल **हमास आतंकियों पर केंद्रित हैं, और नागरिक हताहतों के लिए हमास जिम्मेदार है क्योंकि वह घनी आबादी वाले इलाकों में छिपकर काम करता है। इजराइली सेना ने पुष्टि की है कि कुल 60,000 आरक्षित सैनिकों को चरणबद्ध तरीके से बुलाया जाएगा। पहले से तैनात 20,000 सैनिकों की सेवा अवधि भी बढ़ाई जाएगी। इस दौरान थल और वायुसेना ने उत्तरी व मध्य गाजा के कई ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें जैतून और शिजइया क्षेत्र प्रमुख हैं।
मानवाधिकार संगठनों और नरसंहार अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों ने आरोप लगाया है कि इजराइल गाजा में “नरसंहार” कर रहा है। इजराइल ने इस आरोप को हमास की झूठी मुहिम बताते हुए खारिज कर दिया है। विदेशों में भी इजराइल की इस नीति की आलोचना हो रही है, लेकिन सेना ने साफ किया कि कार्रवाई जारी रहेगी।