कोलंबिया ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में मारे गए आतंकियों पर शोक जताने वाला अपना बयान वापस ले लिया है। यह जानकारी कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दी, जो भारतीय संसद सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। थरूर ने बीते शुक्रवार को मीडिया को बताया कि कोलंबिया की उप विदेश मंत्री रोजा योलांडा वियाविसेंसियो ने बैठक के दौरान बताया कि उन्होंने वह बयान वापस ले लिया है जिससे भारत को आपत्ति थी। उन्होंने यह भी कहा कि अब कोलंबिया भारत के दृष्टिकोण को पूरी तरह समझता है। थरूर ने कहा, “यह हमारे लिए बहुत मूल्यवान है कि उन्होंने हमारी स्थिति को समझा।”
गौरतलब है कि इससे पहले थरूर ने कोलंबिया द्वारा दिए गए उस बयान पर आपत्ति जताई थी जिसमें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में मारे गए आतंकियों और पहलगाम में उनके द्वारा मारे गए निर्दोष लोगों के बीच झूठी समानता दिखाई गई थी। कोलंबिया की उप विदेश मंत्री वियाविसेंसियो ने भी थरूर के साथ खड़े होकर कहा, “हमें अब इस बात की पूरी जानकारी है कि कश्मीर में वास्तव में क्या हुआ था। अब हम बातचीत को आगे बढ़ा सकते हैं। इस घटनाक्रम का खास महत्व इसलिए भी है क्योंकि कोलंबिया अगले सप्ताह होने वाले चुनाव में लैटिन अमेरिका सीट के लिए अकेला उम्मीदवार है और अगले साल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल होने जा रहा है। आतंकवाद से पीड़ित रह चुके कोलंबिया को इस संदर्भ में भारत का दृष्टिकोण समझाना रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इससे पहले गुरुवार को कोलंबियाई मीडिया से बातचीत में थरूर ने कहा था कि भारत को कोलंबिया की प्रतिक्रिया से थोड़ी निराशा हुई क्योंकि उसने आतंकियों की मौत पर शोक व्यक्त किया, लेकिन जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के पीड़ितों के प्रति संवेदना नहीं जताई। भारत की आपत्तियों को गंभीरता से लेते हुए कोलंबिया ने बिना विरोध किए बयान की समीक्षा की और उसे वापस ले लिया। कोलंबिया के पूर्व राष्ट्रपति सेसर ऑगस्तो गाविरिया त्रूजिलो, जो देश की सबसे बड़ी पार्टी के नेता हैं, ने भी गुरुवार को कहा, “कोलंबिया भारत के साथ एकजुट है। हम हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ हैं और किसी भी परिस्थिति में भारत के साथ खड़े रहेंगे।”
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पहलगाम में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ द्वारा किए गए आतंकी हमले और उसके बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की आवश्यकता पर कोलंबियाई नेतृत्व को विस्तृत जानकारी दी। भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी एक्स पर जानकारी दी कि उन्होंने उप विदेश मंत्री को घटना की पूरी श्रृंखला के बारे में बताया। प्रतिनिधिमंडल ने कोलंबियाई संसद के दूसरे आयोग के सदस्यों से भी मुलाकात की, जो देश की अंतरराष्ट्रीय नीतियों से संबंधित है। इनमें चेम्बर ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के अध्यक्ष अलेजांद्रो टोरो और सांसद जयमे राउल शामिल थे। कोलंबियाई नेताओं ने थरूर को दिल्ली की सर्दियों के लिए एक ऊनी पोंचो और एक पारंपरिक टोपी भेंट की।
प्रतिनिधिमंडल ने कोलंबिया के प्रमुख विदेश नीति थिंक टैंक ‘कोरि’ (Consejo Colombiano de Relaciones Internacionales – CORI) के साथ गहन संवाद किया। बोगोटा में भारतीय दूतावास ने एक्स पर इस बैठक की जानकारी दी। इसके अलावा टीम ने तादेओ यूनिवर्सिटी का दौरा किया और वहां महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विपक्षी कांग्रेस पार्टी के सांसद शशि थरूर कर रहे हैं और इसमें भारत के विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद शामिल हैं। इन सांसदों में भाजपा के तेजस्वी सूर्या, शशांक मणि त्रिपाठी और भुवनेश्वर कलिता, लोक जनशक्ति पार्टी की शांभवी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के सरफराज अहमद, शिवसेना के मिलिंद मुरली देवड़ा और तेलगू देशम पार्टी के जीएम हरीश बालयोगी शामिल हैं।
अब तक यह प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दो मौजूदा निर्वाचित सदस्यों-गयाना (जो जून में अध्यक्ष बनेगा) और पनामा (जो अगस्त में अध्यक्ष बनेगा) का दौरा कर चुका है। इसके बाद यह प्रतिनिधिमंडल ब्राजील जाएगा, जो भारत का सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए सहयोगी है। अंत में यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी का दौरा करेगी