नई दिल्ली; सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी को डांटना उसे सुसाइड के लिए उकसाना नहीं माना जा सकता। इसके साथ ही कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें होस्टल वार्डन को आईपीसी की धारा 306 के तहत स्टूडेंट को सुसाइड के लिए उकसाने का दोषी माना था। जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बैंच ने कहा कि कोई यह सोच भी नहीं सकता कि डांटने से ऐसी घटना हो सकती है। दरअसल, वार्डन ने एक स्टूडेंट की शिकायत पर एक अन्य स्टूडेंट को डांट लगाई थी। इसके बाद स्टूडेंट ने अपने कमरे में फांसी लगा ली थी।
वार्डन का तर्क था कि उसने अभिभावक के तौर पर स्टूडेंट को डांटा था, ताकि वह आगे से गलती न करे। वार्डन ने कहा था कि उसके और सुसाइड करने वाले स्टूडेंट के बीच कोई निजी संबंध नहीं था।