सोनीपत वित्तीय क्षेत्र में अघोषित संपत्तियों के कुशल और त्वरित निपटान को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे “आपका पैसा, आपका अधिकार” अभियान के अंतर्गत आज अग्रणी जिला कार्यालय द्वारा सामुदायिक केंद्र, सेक्टर-15, सोनीपत में जिला स्तरीय वित्तीय साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर का उद्घाटन मुख्यातिथि सोनीपत के उपायुक्त सुशील सारवान ने किया। उन्होंने बताया कि देश में लगभग 1 लाख 82 हजार करोड़ रुपये विभिन्न बैंकों, बीमा कंपनियों, म्यूचुअल फंड्स, भविष्य निधि संगठनों और अन्य वित्तीय संस्थानों में अनक्लेम्ड एसेट्स के रूप में जमा हैं। सोनीपत जिले में लगभग 1 लाख 63 हजार खाते हैं, जिनमें करीब 68 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड एसेट्स के रूप में हैं। उपायुक्त ने सभी बैंकों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएं ताकि खाताधारक या उनके उत्तराधिकारी अपनी राशि का दावा कर सकें।
उपायुक्त ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी दिशा में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना और प्रधानमंत्री ग्रामीण आजीविका मिशन जैसी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इनका उद्देश्य युवाओं को नौकरी चाहने वाला न बनाकर, नौकरी देने वाला बनाना है।
उन्होंने कहा कि ‘वोकल फॉर लोकल’, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियान देश की आर्थिक प्रगति को नई दिशा दे रहे हैं। सभी बैंकों से अपेक्षा है कि वे युवाओं को इन योजनाओं के बारे में जागरूक करें।
इस मौके पर एसएलबीसी चंडीगढ़ प्रमुख जोगिंद्र सिंह, पीएनबी पानीपत उपमंडल अध्यक्ष नवनीत बंसल, एलडीएम हरीश कुमार वर्मा, डीडीएम नाबार्ड अजीत सहित अनेक बैंक अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। दूसरा शिविर 16 अक्टूबर 2025 को रोहतक में आयोजित किया जाएगा।
इस अभियान का औपचारिक शुभारंभ केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 4 अक्टूबर 2025 को गांधीनगर (गुजरात) में किया था। यह शिविर तीन माह तक चलने वाले राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान का हिस्सा है, जो अक्टूबर से दिसंबर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है।
अभियान भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवाएं विभाग द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई), सेबी, आईआरडीएआई, एलआईसी आदि के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि नागरिकों द्वारा बचाए गए प्रत्येक रुपये का उचित उपयोग वे स्वयं, उनके नामांकित व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारी कर सकें।
इस अभियान का उद्देश्य वित्तीय जागरूकता फैलाना, हर घर तक वित्तीय समावेशन पहुंचाना और नागरिकों को अपनी वैध संपत्तियों का पता लगाने तथा उनका दावा करने की प्रक्रिया के प्रति सशक्त बनाना है।