दोहा: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाने का दावा करने वाले अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गुरुवार को अपने बयान से पलट गए। अपने बयान के पांच दिन बाद दोहा में ट्रंप ने कहा कि मैंने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता नहीं की, बल्कि मैंने सिर्फ मदद की है। ट्रंप ने कहा कि मैं यह नहीं कहता कि यह मैंने किया, लेकिन यह पक्का है कि पिछले हफ्ते भारत-पाकिस्तान के बीच जो हुआ, मैंने उसे सैटल करने में मदद की। भारत-पाकिस्तान के बीच और भी भयावह हो सकता था। दोनों देशों ने अचानक मिसाइल दागना शुरू कर दिया और हमने सब सैटल कर दिया। गौर हो कि ट्रंप ने 10 मई को दोनों देशों के बीच मध्यस्थता का ऐलान किया था और कश्मर मुद्दे पर भी मध्यस्थता की पेशकश की थी। ट्रंप के इस दावे का भारत सरकार ने जोरदार खंडन करते हुए कहा था कि सीजफायर के पाकिस्तान हमारे सामने गिड़गिड़ाया था और फिर हमने अपनी शर्तों पर युद्ध विराम पर सहमति जताई थी। ट्रंप के इस बयान के बाद सरकार की स्थिति पर मुहर लग गई है। हालांकि गुरुवार को ही ट्रंप के आए तीन बयान और काम भारत के लिए चिंता का सबब बन गए हैं। पिछले महीने भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान करने वाले अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब कतर में कहा है कि भारत ने अमरीका को एक ट्रेड डील ऑफर की है। अमरीका से आयात किए जाने वाले कई तरह के सामान पर अब भारत ‘जीरो टैरिफ’ लेगा।
गौर हो कि अमरीका ने भारत पर 26 फीसदी का टैरिफ लगाया था, लेकिन तमाम मुल्कों के लिए उन्होंने इस पर 90 दिनों की रोक लगा दी थी और भारत को भी इसका फायदा हुआ, जहां भारतीय प्रोडक्ट्स पर फिलहाल 10 फीसदी टैरिफ लग रहा है। उधर, ट्रंप के दावे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और अमरीका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है। ये जटिल वार्ताएं हैं। जब तक सब कुछ तय नहीं हो जाता, तब तक कुछ भी तय नहीं होता। कोई भी व्यापार सौदा परस्पर लाभकारी होना चाहिए। हालांकि अमरीका पर जीरो टैरिफ नीति से भारत को आर्थिक नुकसान हो सकता है और स्वदेशी सामान को अमरीकी सामान से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही ट्रंप ने गुरुवार को कतर की राजधानी दोहा में बिजनेस लीडर्स के साथ कार्यक्रम में एप्पल के सीईओ टिम कुक से भारत में प्लांट बनाना बंद करने को कहा है। ट्रंप कंपनी की चीन से बाहर उत्पादन बढ़ाने की योजना से खुश नहीं हैं। उन्होंने टिम कुक से कहा है कि भारत में फैक्टरियां लगाने की जरूरत नहीं है। मैं नहीं चाहता हूं कि एप्पल के प्रोडक्ट वहां बनाएं। इंडिया अपना ख्याल खुद रख सकता है। एप्पल ने मार्च तक पिछले 12 महीनों में भारत में 22 बिलियन डालर के आईफोन बनाए हैं। पिछले साल के मुकाबले इस साल उत्पादन लगभग 60 फीसदी बढ़ा है। ट्रंप का यह बयान भारत के लिए बड़ा झटका दे सकता है। उधर, अमरीका ने तुर्किये को 304 मिलियन डालर की मिसाइलों की बिक्री को मंजूरी दे दी है। हाल के समय में जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए थे, तब तुर्किये ने ही पाकिस्तान की मदद की थी। न सिर्फ उसने 350 से ज्यादा ड्रोन पाकिस्तान को दिए थे, बल्कि उन्हें ऑपरेट करने के लिए मिलिट्री ऑपरेटिव को भी भेजा था। इसके बाद से ही तुर्किये और भारत के संबंध भी खराब होने लगे हैं और भारत की जनता उसे एक दुश्मन देश की तरह मानने लगी है। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या अमरीका डबल गेम खेल रहा है। एक ओर वह भारत से अच्छे रिश्ते की बात करता है, तो दूसरी ओर पाकिस्तान की मदद करने वाले तुर्किये को भी हथियार देने से भी पीछे नहीं हटता।
तीन और बयानों ने बढ़ाई भारत के लिए चिंता
एप्पल के सीईओ को भारत में आईफोन की प्रोडक्शन बंद करने का कहा
ट्रंप का एक और दावा भारत ने अमरीका को दिया जीरो टैरिफ का ऑफर
अमरीका का डबल गेम, पाक का साथ देने वाले तुर्किये को देगा मिसाइलें